CM सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 58,444 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की।
Himachal Pradesh Budget 2024: हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के शनिवार को 58,444 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की। वहीं हिमाचल प्रदेश में राजकोषीय घाटा 10,784 करोड़ रुपये है जो राज्य घरेलू उत्पाद का 4.75 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि प्रत्येक 100 रुपये में से केवल 28 रुपये विकास कार्यों के लिए समर्पित किए जाएंगे, क्योंकि 25 रुपये वेतन पर, 17 रुपये पेंशन पर, 11 रुपये ब्याज भुगतान पर, 9 रुपये ऋण भुगतान पर और 10 रुपये अनुदान स्वायत्त संस्थानों पर खर्च किए जाएंगे।
कर्मचारियों के लिए सीएम ने की घोषणा
सीएम सुक्खू ने घोषणा की, कि कर्मचारियों के लिए 4 प्रतिशत महंगाई भत्ते की किस्त 1 अप्रैल 2024 से जारी की जाएगी, जिससे 580 करोड़ रुपये का वित्तीय बोझ पड़ेगा। दैनिक वेतन 375 रुपये से बढ़ाकर 400 रुपये कर दिया गया है। वही आउटसोर्स कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन 12,000 रुपये मिलेगा।
वहीं विधायक स्थानीय क्षेत्र विकास निधि को 2.10 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 2.20 करोड़ रुपये कर दिया गया है। वर्तमान विधायक प्राथमिकताओं की सीमा 175 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 195 करोड़ रुपये कर दी गई है और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में विधायक विवेकाधीन अनुदान 13 से बढ़ाकर 14 लाख रुपये कर दिया गया है।
पुरानी पेंशन योजना की बहाली
उन्होंने कहा, ''मेरी सरकार ने पुरानी पेंशन योजना की बहाली की मांग पूरी की गई है और 1.15 लाख कर्मचारियों ने इसे चुना था।'' उन्होंने कहा कि 2. 37 लाख पात्र महिलाओं को 1500 रुपये मासिक वित्तीय सहायता दी जा रही है। सुक्खू ने कहा कि वित्तीय संकट के बावजूद विकास के पहिए को गतिमान रखने का प्रयास किया गया है। युवाओं को रोजगार देने के लिए 680 करोड़ रुपये की स्टार्टअप योजना शुरू की गई है। उन्होंने कहा कि विभिन्न क्षेत्रों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का व्यापक उपयोग होगा और नवीनतम तकनीक को अपनाया जाएगा।
2026 तक हिमाचल हरित राज्य बनाने का लक्ष्य
सीएम ने कहा कि शिमला में भीड़भाड़ कम करने के लिए जुब्बड़हट्टी हवाई अड्डे के पास जाठिया देवी में एक पहाड़ी टाउनशिप स्थापित की जा रही है। उन्होंने कहा कि मार्च 2026 तक हिमाचल को हरित राज्य बनाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए कई पहल की गई हैं। उन्होंने घोषणा की कि हिमाचल को आत्मनिर्भर, निवेशक अनुकूल, खनन मुक्त और नशा मुक्त राज्य के रूप में विकसित किया जाएगा। उन्होंने कहा, ''हम हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर राज्य बनाने के लिए ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देंगे।'' सुक्खू ने कहा कि हिमाचल को 2032 तक आत्मनिर्भर बनाया जाएगा।
जैविक खेती को प्रोत्साहित
उन्होंने कहा कि जैविक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए किसानों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और गेहूं और चावल के लिए क्रमशः 40 रुपये और 30 रुपये प्रति किलोग्राम का न्यूनतम समर्थन मूल्य दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए कंटीले तार लगाने के लिए 10 करोड़ रुपये की सब्सिडी दी जाएगी। उन्होंने कहा, "हम विभिन्न बाजरा की खेती को प्रोत्साहित करने के लिए एक कार्य योजना तैयार करेंगे और जेआईसीए के तहत सब्जियों की खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।
भेड़ बकरी प्रोत्साहन योजना की घोषणा
गौर हो की इस बजट में सरकार ने ग्रामीण क्षेत्र में विकास को लेकर कई अन्य घोषणाओं के साथ भेड़ बकरी प्रोत्साहन को ग्रामीण क्षेत्र में बढ़ावा देने के लिए योजना की घोषणा की, ताकि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को इससे फायदे हो सके। जिसमें उन्होंने 10 करोड़ रुपये की भेड़ बकरी प्रोत्साहन योजना की घोषणा की। उन्होंने कृषि क्षेत्र के लिए 582 करोड़ रुपये और बागवानी क्षेत्र के लिए 300 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की।
बता दें कि वित्त विभाग संभालने वाले सीएम सुक्खू ने सरकार की गंभीर वित्तीय बाधाओं के बीच अपना दूसरा बजट पेश किया। सीएम सुक्खू ने अपने भाषण की शुरुआत पिछले मानसून के कहर के दौरान जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि देकर की। वहीं इस दौरान उन्होंने इस बजट से आने वाले दिनों में राज्य में अनेकों विकास कार्य होने की बात कही। खैर अब देखना होगा की सरकार का ये बजट कितना सफल साबित होता है।
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