सोरेन ने ‘खातियान जोहर यात्रा’ के दूसरे चरण के दौरान यहां गोपाल मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल ने...
जमशेदपुर : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्यपाल रमेश बैस द्वारा उस विधेयक को लौटाने पर मंगलवार को सवाल किया जिसमें राज्य में लोगों की अधिवास स्थिति निर्धारित करने के लिए 1932 भूमि रिकॉर्ड का उपयोग करने का प्रावधान किया गया था।
सोरेन ने कहा कि उनकी सरकार ने तृतीय और चुतुर्थ श्रेणी (लिपिकीय, अर्ध-कुशल और अकुशल) नौकरियों में स्थानीय निवासियों को प्राथमिकता प्रदान करने के लिए 'खतियान' या भूमि रिकॉर्ड-आधारित कानून तैयार किया था।
मुख्यमंत्री ने ‘खातियान जोहर यात्रा’ के दूसरे चरण के दौरान यहां गोपाल मैदान में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि राज्यपाल ने यह विधेयक लौटाया है। बिना नाम लिए भाजपा पर हमला बोलते हुए सोरेन ने कहा कि सामंतवादी ताकतें "आदिवासियों का शोषण कर रही हैं और हम पर आरोप लगा रही हैं कि हम जो कुछ भी करते हैं वह असंवैधानिक है।"