अदालत ने कहा कि यौन अपराधों के मामलों में, पीड़ित की प्रतिष्ठा और भविष्य दांव पर होती है।
New Delhi: दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने रजिस्ट्रार से कहा है कि वह निचली अदालत के न्यायाधीश से स्पष्टीकरण मांगकर रिपोर्ट दाखिल करें कि उन्होंने पॉक्सो मामले के आरोपी को ‘‘पूरी तरह से यांत्रिक तरीके’’ से जमानत क्यों दी।
अदालत ने कहा कि यौन अपराधों के मामलों में, पीड़ित की प्रतिष्ठा और भविष्य दांव पर होती है। न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी ने यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम मामले में जमानत आदेश को रद्द कर दिया और कहा कि ऐसे मामलों से न्याय के हित में सतर्कता और सावधानी के साथ निपटने की जरूरत है।
मामला
तीन वर्षीय बच्ची का कथित तौर पर यौन उत्पीड़न करने वाले आरोपी को अक्टूबर 2021 में गिरफ्तार किया गया था और निचली अदालत ने फरवरी, 2023 में उसे जमानत पर रिहा कर दिया था।