मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को तय की है।
रांची : झारखंड उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से कहा कि वह कथित धनशोधन के एक मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उन्हें समन जारी करने को चुनौती देने वाली याचिका में “खामियों” को दूर करें।
मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा और न्यायमूर्ति आनंद सेन की पीठ ने मामले पर अगली सुनवाई 11 अक्टूबर को तय की है। अदालत ने सोरेन के वकील से 23 सितंबर को दायर याचिका में त्रुटियों को सुधारने के लिए कहा।
सोरेन का यह कदम उच्चतम न्यायालय द्वारा समन के खिलाफ उनकी याचिका पर विचार करने से इनकार करने के कुछ दिनों बाद आया है। न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने हालांकि 18 सितंबर को मुख्यमंत्री को मामले में राहत के लिए झारखंड उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाने की छूट दी।
सीएम सोरेन ने अपनी याचिका में उच्च न्यायालय से ईडी द्वारा उन्हें जारी समन पर रोक लगाने का आग्रह किया है। सोरेन ने उन्हें समन भेजने के लिए जांच एजेंसी के अधिकार क्षेत्र पर भी सवाल उठाया। झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) के कार्यकारी अध्यक्ष ने यह भी आरोप लगाया कि ईडी द्वारा घेरने का एक कारण राजनीतिक प्रतिशोध है।
ईडी ने सोरेन को 14 अगस्त को रांची में संघीय एजेंसी के कार्यालय में पेश होने और बाद में धन शोधन निवारण अधिनियम के तहत अपना बयान दर्ज कराने के लिए समन भेजा था। वह पूर्व निर्धारित कार्यक्रमों का हवाला देते हुए कथित रक्षा भूमि घोटाला मामले में ईडी के समन पर भी उपस्थित नहीं हुए थे।
सीएम सोरेन को एजेंसी ने अपने कार्यालय में उपस्थित होने के लिए कहा था लेकिन वह चार बार उपस्थित नहीं हुए। सूत्रों ने बताया कि ईडी का इरादा मुख्यमंत्री से भू-माफियाओं, वरिष्ठ नौकरशाहों और राजनेताओं से जुड़े करोड़ों रुपये के भूमि घोटालों के संबंध में पूछताछ करने का है।