CM सोरेन ने सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का किया शिलान्यास, कहा- हर खेत को मिले पानी

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CM सोरेन ने सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का किया शिलान्यास, कहा- हर खेत को मिले पानी
Published : Oct 10, 2023, 3:33 pm IST
Updated : Oct 10, 2023, 3:33 pm IST
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CM Soren laid the foundation stone of Sikatiya Mega Lift Irrigation Project, said- every field should get water,
CM Soren laid the foundation stone of Sikatiya Mega Lift Irrigation Project, said- every field should get water,

मुख्यमंत्री बोले - लोगों की भावनाओं ,उम्मीदों और जरूरत को ध्यान में रखकर सरकार बना रही कार्य योजना.

देवघर (संवाददाता) : हर खेत को मिले पानी। इसी प्रतिबद्धता के साथ तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। इसी कड़ी का एक हिस्सा बनने जा रहा है- सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना। इस सिंचाई योजना में भूमिगत पाइपलाइन के जरिए खेतों में पटवन का पानी पहुंचेगा और फसलें लहलहाएगी।  मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन आज देवघर जिले के सारठ प्रखंड में सिकटिया मेगालिफ्ट सिंचाई योजना के शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए ये बातें कही। उन्होंने कहा कि आनेवाले दिनों में किसान टांड़ में भी  सालों भर खेती कर सकेंगे, क्योंकि सरकार यहां भी सिंचाई के लिए पानी पहुंचाने की दिशा में काम कर रही है।

 गंगा का पानी भी पाइपलाइन से खेतों में पहुंचाएंगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमेशा यह बात सुनने को मिलती थी कि झारखंड के डैम, बराज और वॉटर रिजर्वॉयर के पानी का इस्तेमाल झारखंड के किसान नहीं बल्कि दूसरे राज्यों के द्वारा किया जा रहा है । ऐसे में  यहां के पानी का इस्तेमाल यहां के लोग करें । इस दिशा में कार्य योजना बनाकर उसके क्रियान्वयन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं । आने वाले दिनों में गंगा नदी का पानी भी पाइपलाइन के जरिए खेतों में पहुंचेगा। इस दिशा में भी सरकार कार्य योजना बनाने की तैयारी में लग गई है।  

 पानी का समुचित इस्तेमाल हो सकेगा

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार सिंचाई परियोजनाओं के लिए नवीनतम तकनीक का इस्तेमाल करने पर विशेष जोर दे रही है। ताकि, पानी का बेहतर और समुचित इस्तेमाल होने के साथ खेत -खलियान डूब क्षेत्र में ना आएं, इसलिए मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना के  तहत भूमिगत पाइपलाइन के जरिए नदी, डैम और बराज का पानी खेतों में पहुंचाया जा रहा है । इस कड़ी में राज्य के पहले मेगालिफ्ट सिंचाई परियोजना की आधारशिला दुमका के मसलिया में रखी गई थी और आज देवघर के सारठ में सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई परियोजना का शिलान्यास करने का सौभाग्य प्राप्त हो रहा है । मुझे इस बात की खुशी है कि इसी स्थान पर वर्ष 2013-14 में मैने अजय बराज का उद्घाटन किया था। 

  पहले योजनाएं बनती थी ,लेकिन पूरा होने में कई वर्ष लग जाते थे

मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले भी सिंचाई के लिए कई योजनाएं बनी। उसका क्रियान्वयन भी हुआ। लेकिन, उसके पूर्ण होने में 30 से 40 साल लग गए। कई योजनाएं तो आज भी अधूरी है। योजनाओं के पूरा होने में ज्यादा समय लगने से उसकी लागत बढ़ जाती थी। सबसे बड़ी बात है कि जिन लोगों की जमीन, खेत -खलिहान इन परियोजनाओं के लिए अधिग्रहित किए गए थे ,उनका लाभ लेने के लिए वे लंबे समय तक इंतजार करते रहे पर उन्हें निराशा हाथ लगी। लेकिन हमारी सरकार सिंचाई समेत तमाम परियोजनाओं को समय पर पूरा करने की दिशा में आगे बढ़ रही है,ताकि लोगों को उसका ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके। 

 लोगों की भावनाओं और जरूरत के हिसाब से बना रहे हैं कार्य योजना

मुख्यमंत्री ने कहा कि हम लोगों के भावनाओं को समझते हैं । उनकी जरूरत को जानते हैं और उनकी समस्याओं से भी वाकिफ हैं।  ऐसे में हमारी सरकार लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं के अनुरूप कार्य योजना बनाकर काम कर रही है। 

 सरकार बनाते ही चुनौतियों से सामना

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्ष 2019 में जैसे ही हमारी सरकार बनी तो चुनौतियों से सामना शुरू हो गया । सबसे पहले वैश्विक महामारी कोरोना ने हमें अपनी गिरफ्त में ले लिया।  कोरोना से निकले तो सुखाड़ का सामना करना पड़ा। लेकिन, इन तमाम चुनौतियों के बीच हमारी सरकार विकास की गति को रफ्तार देने का काम कर रही है।

जानिए सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना

सिकटिया मेगा लिफ्ट सिंचाई योजना के तहत अजय नदी बराज से भूमिगत पाइप लाइन के माध्यम से सिंचाई की सुविधा उपलब्ध होगी। 

इस योजना पर 484 करोड़ 35 लाख रुपए खर्च होंगे। निर्माण कार्य तीन वर्ष में पूरा होगा।

 देवघर जिले के सारठ और करों तथा जामताड़ा जिला के विद्यासागर और जामताड़ा प्रखंड के 27 पंचायतों के 1 लाख 11 हज़ार 174  किसान इस योजना से लाभान्वित होंगे।

13 हज़ार 164 हेक्टेयर कृषि भूमि में पटवन की सुविधा उपलब्ध होगी।   

धान के अतिरिक्त  दलहन और तिलहन के साथ रागी, ज्वार -मक्का जैसे फसलों की खेती के लिए सिंचाई सुविधा उपलब्ध होगी।

अगर कभी भारी वर्षा हो और खेतों को उतनी पानी की जरूरत नहीं है तो उस पानी को अगल-बगल के  जलाशयों में डाइवर्ट कर भरा जाएगा, ताकि उसका अन्य कार्यों में इस्तेमाल हो सके।

 

Location: India, Jharkhand, Ranchi

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