कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता बिहार सरकार में 8 बार मंत्री रह चुके हैं।
Ranchi News In Hindi: रांची (राजेश चौधरी), झारखंड की 14 सीटों में से एक खूंटी लोकसभा सीट पर इस बार बड़ा उलटफेर हुआ है। केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा बुरी तरह हार गए हैं। कांग्रेस के कालीचरण मुंडा ने उन्हें 1 लाख 49 हजार 675 वोटों से हराया। कालीचरण मुंडा को कुल 5 लाख 11 हजार 647 वोट मिले। हालांकि, यहां तक का उनका राजनीतिक सफर इतना आसान नहीं रहा। आइए जानते हैं उनके बारे में।
कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता बिहार सरकार में 8 बार मंत्री रह चुके हैं। लोग उन्हें झारखंड का 'गांधी' कहते थे। पिछली बार कालीचरण अर्जुन मुंडा से मात्र 1445 वोटों से हार गए थे। उन्होंने अर्जुन मुंडा से इस हार का बदला ले लिया है।
कांग्रेस के कालीचरण मुंडा को राजनीति विरासत में मिली है। उनके पिता टी मुचिराय मुंडा एक-दो बार नहीं, बल्कि 8 बार बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं। वहीं, 1967 से 1992 के बीच वे खूंटी और तमाड़ से छह बार विधायक रह चुके हैं। लेकिन वे इतने ईमानदार थे कि परिवार के लिए एक पक्का मकान भी नहीं बनवा पाए। लोग उन्हें झारखंड का 'गांधी' कहते थे। कालीचरण 1992 और 2000 में दो बार विधायक बने, लेकिन उन्होंने भी अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए सादा जीवन चुना और लोगों की चिंताओं को अपना समय दिया।
झारखंड राज्य बनने से पहले कालीचरण मुंडा 1997 से 2007 तक रांची जिला ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष रहे। इसके बाद वे प्रदेश महासचिव बने और फिलहाल प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष हैं। कांग्रेस ने उन्हें लगातार तीसरी बार खूंटी लोकसभा सीट से टिकट दिया है। 2014 में उन्हें भाजपा के दिग्गज नेता करिया मुंडा ने हराया था। वहीं, 2019 में वे अर्जुन मुंडा से महज 1445 वोटों से हार गए। इस बार कालीचरण ने पुराना बदला ले लिया और अर्जुन मुंडा को करारी हार का सामना करना पड़ा।
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