CM ने कहा, ‘‘देश में ऐसे कई समुदाय हैं, जिनकी आबादी आदिवासियों से कम है, लेकिन उनकी अलग पहचान है।
रांची : झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने मणिपुर में जातीय संघर्ष का हवाला देते हुए बृहस्पतिवार को दावा किया कि देश में आदिवासी समुदाय पर हमला करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि मूल निवासी लोग अपने अस्तित्व के लिए लड़ रहे हैं।
CM सोरेन ने कहा कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जिसने समाज में आदिवासियों की पहचान स्थापित करने के लिए सरना को एक अलग ‘धर्म कोड’ के रूप में शामिल करने की मांग करते हुए विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया है। मुख्यमंत्री ने यहां दो दिवसीय ‘झारखंड आदिवासी महोत्सव’ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए यह बात कही।
CM ने कहा, ‘‘देश में ऐसे कई समुदाय हैं, जिनकी आबादी आदिवासियों से कम है, लेकिन उनकी अलग पहचान है। आदिवासियों की अपनी पहचान क्यों नहीं होनी चाहिए?’’ उन्होंने कहा कि देश के करीब 13 करोड़ आदिवासियों को एक अलग पहचान मिलनी चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘केंद्र में आदिवासी मामलों का एक अलग मंत्रालय है, लेकिन प्राधिकारी आदिवासियों को अलग पहचान देने के लिए तैयार नहीं हैं। कुछ लोग उन्हें ‘वनवासी’, जबकि कुछ उन्हें ‘जनजाति’ कहते हैं। यह बहुत विरोधाभासी है, क्योंकि ‘वनवासी’ लोग आदिवासी नहीं हैं।’’
उन्होंने दावा किया, ‘‘योजनाबद्ध रणनीति के तहत आदिवासियों पर हमले के प्रयास किए जा रहे हैं। देश के कई हिस्सों में उन पर अत्याचार किया जा रहा है। आप देख सकते हैं कि मणिपुर में क्या हो रहा है। कई आदिवासी, जो ब्रिटिश काल के दौरान वहां गए थे, झारखंड वापस आ रहे हैं। हम उन्हें आश्रय प्रदान कर रहे हैं।’’