मुख्यमंत्री हेमन्त ने आज देवघर परिसदन में देवघर एवं गोड्डा जिला में चल रहे विकास कार्यों के प्रगति की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह नसीहत दी।
देवघर , ( राजेश कुमार) : सरकार ने कई महत्वकांक्षी योजनाएं शुरू की है। ये योजनाएं धरातल पर उतरे, यह हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है । इन योजनाओं को लेकर आपने जो आंकड़े दिए हैं। वह तो काफी उत्साहवर्धक है ,लेकिन हकीकत में लोगों के बीच इन योजनाओं को लेकर वैसा उत्साह नहीं देखने को मिल रहा है। ऐसी लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से ले।
मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने आज देवघर परिसदन में देवघर एवं गोड्डा जिला में चल रहे विकास कार्यों के प्रगति की समीक्षा के दौरान अधिकारियों को यह नसीहत दी। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि सरकार ने आपको कार्य करने में पूरी स्वायत्ता दे रखी है, लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आप कार्यों के निष्पादन में लापरवाही बरते। मुझे जो जानकारियां मिल रही है, उसमें सरकार की ड्रीम प्रोजेक्ट वाली योजनाओं के प्रति आपकी गंभीरता नहीं दिख रही है। यह लापरवाही और कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी । अगर आप अपनी जिम्मेदारियों को सही पूर्वक नहीं निभाएंगे तो आप के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए सरकार मजबूर होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार की योजनाओं का मकसद ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के साथ ग्रामीणों को अपने पैरों पर खड़ा करना है, ताकि उनके जीवन स्तर में अपेक्षित सुधार हो सके।आपको जो कार्य आवंटित हैं उसे पूरी जिम्मेवारी के साथ पूरा करें। योजनाओं के क्रियान्वयन में किसी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।अगर जरूरत पड़ी तो विकास कार्यों की प्रखंड और पंचायत स्तर पर भी समीक्षा होगी ।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की बड़ी आबादी गांवों में रहती है। कृषि और पशुपालन ग्रामीण अर्थव्यवस्था की धूरी है । यह ना सिर्फ ग्रामीणों के जीविकोपार्जन का प्रमुख माध्यम है, बल्कि उनकी पारंपरिक व्यवस्था का अभिन्न अंग भी है। इसी मकसद से सरकार ने कृषि और पशुपालन से जुड़ी कई योजनाएं चला रही हैं । अधिकारियों की जिम्मेवारी है कि किसानों, पशुपालकों और श्रमिकों को इन योजनाओं का पूरा का पूरा लाभ मिले। मुख्यमंत्री ने बताया कि गोड्डा एवं देवघर के परिभ्रमण के दौरान बुनकरों एवं कर्मकारों ने मुलाकात की।
उन्होंने बताया कि उनके बनाये उत्पाद ब्रांडेड दुकानों में बिक रहे हैं,लेकिन उन्हें उसका समुचित लाभ नहीं मिल रहा। ऐसे में उनका वाजिब हक और अधिकार मिले, यह अधिकारियों का कर्तव्य बनता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बैंकों का रुख केसीसी के प्रति ठीक नहीं है । इसे सुधारें अथवा सरकार को किसानों के हित में काम नहीं करने वाले बैंकों के खिलाफ उचित कार्यवाही की जाएगी। उन्होंने पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि आप मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना के आवेदनों को गंभीरता से लें। ग्रामीण बहुत पढ़े लिखे नहीं होते। वे सीधे सादे होते है। आपके आवेदन के प्रारूप में आवेदन नहीं दे पा रहे तो उनका आवेदन भरने तथा जरूरी कागज बनाने में मदद करें। मुख्यमंत्री ने कहा कि 29 दिसम्बर को सरकार के 3 वर्ष पूरे होने पर DBT के माध्यम से सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, मुख्यमंत्री पशुधन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना के लाभुकों को राशि उनके अकाऊंट में उपलब्ध करानी है । मुख्यमंत्री ने सभी पदाधिकारियों को निर्देशित किया कि इन योजनाओं को लेकर मिले आवेदनों के सत्यापन का कार्य हर हाल में पूरा हो जाना चाहिए।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने सावित्री बाई फुले किशोरी समृद्धि योजना, सर्वजन पेंशन योजना, प्री मैट्रिक छात्रवृत्ति, मुख्यमंत्री रोजगार सृजन योजना, मुख्यमंत्री सुखाड़ राहत योजना, किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री पशुधन विकास योजना, मनरेगा अन्तर्गत मानव दिवस सृजन, राजस्व न्यायालय, आपकी योजना आपकी सरकार आपके द्वार, जिले में चल रही विभिन्न परियोजनाओं एवं जिलों के विधि-व्यवस्था की समीक्षा की। मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में श्रम नियोजन एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री सत्यानन्द भोक्ता, कृषि मंत्री बादल, खेल कूद एवं युवा मामले विभाग के मंत्री हफीजुल हसन, राजमहल सांसद विजय हांसदा, पोड़ैयाहाट विधायक प्रदीप यादव, महगामा विधायक श्रीमती दीपिका पांडेय सिंह, मुख्य सचिव सुखदेव सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का,सचिव विनय चौबे, सचिव अबू बकर सिद्दीकी, सचिव अमिताभ कौशल, सचिव कृपानंद झा, सचिव के श्रीनिवासन, डी.जी.पी नीरज सिन्हा, आयुक्त, संथाल परगना प्रमंडल, दुमका, चंद्र किशोर उरांव,पुलिस उप महानिरीक्षक, सुदर्शन प्रसाद मंडल, देवघर उपायुक्त, मंजूनाथ भजंत्री, पुलिस अधीक्षक, सुभाष चंद्र जाट, गोड्डा उपायुक्त जीशान कमर, पुलिस अधीक्षक नाथू सिंह मीणा एवं जिला के पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।