उन्होंने कहा,''यह देश में अपनी तरह की प्रथम पहल है जिसमें पीवीटीजी को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजना की शुरुआत की गई है।’’
रांची: झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ‘विशेष रूप से संवेदनशील जनजातीय समूह’ (पीवीटीजी) छात्रों के लिए डॉ रामदयाल मुंडा जनजातीय कल्याण शोध संस्थान में मुफ्त आवासीय कोचिंग का उद्घाटन किया। इस अवसर पर सोरेन ने बृहस्पतिवार को कहा कि राज्य की कुल 32 जनजातियों में से आठ जनजाति को पीवीटीजी में सूचिबद्ध किया गया है।
उन्होंने कहा कि पीवीटीजी विलुप्त होने की ओर बढ़ रहे हैं और उनकी रक्षा करना तथा रोजगार के अवसर प्रदान करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा,''यह देश में अपनी तरह की प्रथम पहल है जिसमें पीवीटीजी को बढ़ावा देने के लिए ऐसी योजना की शुरुआत की गई है।’’
झारखंड कर्मचारी चयन आयोग (जेएसएससी) द्वारा आयोजित परीक्षाओं की तैयारी के लिए मुफ्त कोचिंग के वास्ते असुर, मालफरिया, सौर्य पहाड़िया, बिरजिया, कोरबा, बिरहोर और साबर सहित आठ जनजातियों के 400 से अधिक छात्रों ने आवेदन किया था। इनमें से 156 छात्रों को मुफ्त कोचिंग के लिए चुना गया है।