नवंबर में न्यायालय ने कहा था कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस क्षेत्र में खनन को लेकर निर्णय रक्षा मंत्रालय ही लेगा।
High Court News In Hindi: पंजाब में सीमा के निकट खनन को लेकर पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के पिछले वर्ष नवंबर के आदेश के नौ महीने बाद भी केंद्र ने इस मामले में जवाब दायर नहीं किया है। चीफ जस्टिस शील नागू और जस्टिस अनिल खेत्रपाल की पीठ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि केंद्र सरकार ने पिछले आठ से नौ महीनों से इस कोर्ट के निर्देशों का जवाब नहीं दिया है। हाई कोर्ट केंद्र को जवाब देने के लिए अंतिम मौका दे रहा है, लेकिन इस शर्त पर कि केंद्र पीजीआइ के गरीब मरीज कोष में 20,000 रुपये जुर्माना जमा करवाए।
नवंबर में न्यायालय ने कहा था कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है और इस क्षेत्र में खनन को लेकर निर्णय रक्षा मंत्रालय ही लेगा। हाई कोर्ट ने कहा था कि रक्षा मंत्रालय जवाब दे कि सीमा पर किस प्रकार और कितने क्षेत्र में वैध खनन की अनुमति दी जा सकती है।
चंडीगढ़ निवासी गुरबीर सिंह ने हाई कोर्ट में याचिका दायर कर कहा था कि पंजाब में अवैध खनन जोरों पर चल रहा है। इससे न केवल पर्यावरण को नुकसान हो रहा है, बल्कि आपदा का भय भी बढ़ जाता है।
हाई कोर्ट ने पंजाब सरकार को चेतावनी दी थी कि अगर अवैध खनन रोकने के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाए गए तो आने वाले समय में पंजाब पीने के पानी को तरस जाएगा। सुनवाई के दौरान पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने हलफनामा दाखिल करते हुए बताया कि खनन राज्य का विषय है लेकिन रक्षा मंत्रालय के अनुसार अंतरराष्ट्रीय सीमा के 20 किलोमीटर क्षेत्र में खनन से पूर्व उनसे परामर्श आवश्यक है। इस पर हाई कोर्ट ने रक्षा मंत्रालय को वैध खनन को लेकर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया था।
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