सिक्ख पंथ के लिए कुछ करने की इच्छा से उन्होंने 1 दिसंबर 2005 को रोज़ाना स्पोक्समैन नामक दैनिक समाचार पत्र में बदल दिया
Rozana Spokesman Founder Sardar Joginder Singh's Death News: रोज़ाना स्पोक्समैन के संस्थापक स्वर्गीय श्री जोगिंदर सिंह जी अब हमारे बीच नहीं रहे। आज 83 वर्ष की उम्र में उन्होंने अंतिम सांस ली। वे कई दिनों से बीमार चल रहे थे। पेशे से वकील, श्री जोगिंदर सिंह ने एक स्वतंत्र मीडिया आउटलेट की स्थापना के लिए अपना शानदार करियर छोड़ दिया। सिक्ख पंथ के लिए कुछ करने की इच्छा से उन्होंने 1 जनवरी 1994 को शुरू की गई ‘स्पोक्समैन’ पत्रिका को 1 दिसंबर 2005 को रोज़ाना स्पोक्समैन नामक दैनिक समाचार पत्र में बदल दिया, जिसने पंजाबी पत्रकारिता को एक नई दिशा दी।
उनकी तीखी लेखन शैली ने कुशासन, भ्रष्टाचार और व्यक्तिवादी नौकरशाही पर प्रकाश डालते हुए राज्य मशीनरी को निशाना बनाया। उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ा, लेकिन उनके लोकलुभावन रुख ने नागरिकों और राज्य की दुर्दशा को उजागर किया।
उनकी आवाज़ को दबाने के प्रयास निरर्थक थे और रोज़ाना स्पोक्समैन ने उनके नेतृत्व में तेजी से लोकप्रियता हासिल की और एक प्रमुख और स्वतंत्र प्रिंट और डिजिटल मीडिया पत्रकारिता उद्यम में बदल गया। श्री जोगिंदर सिंह जी की विचारधारा और लेखन शैली ने संगठन के पत्रकारिता आदर्शों और लोगों का प्रतिनिधित्व करने, सरकार और नौकरशाही की जवाबदेही सुनिश्चित करने और सभी पाठकों को निष्पक्ष और सच्ची जानकारी देने में इसकी मान्यताओं को परिभाषित किया।
वहीं श्री जोगिंदर सिंह जी के इस जीवन के सफर में उनकी धर्म पत्नी श्री जगजीत कौर जी ने भी उनका पूरा साथ दिया। वहीं उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम करती रहीं। वास्तव में श्री जोगिंदर सिंह जी ने खुद इस बाद को कहा है कि ‘रोज़ाना स्पोक्समैन’ और 'उच्चा दर बाबा नानक दा' की असली हीरो एक महिला हैं, मैं नहीं!' वह अपनी धर्म पत्नी श्री जगजीत कौर जी के बारे में बात कर रहे थे। वहीं उनके नक्शेकदमों पर चलते हुए उनकी बेटी निम्रत कौर भी रोज़ाना स्पोक्समैन नाम से एक वेब चैनल चला रही हैं, जो जल्द ही टीवी पर आएगा।
श्री जोगिंदर सिंह जी की साहसिक लेखनी और निर्भीक, निडर, रचनात्मक और देश को उभरती हुई कला की ओर ले जाना रहा है। श्री जोगिंदर सिंह जी के संपादकीय हमेशा सिक्खी के लिए कुछ करने के लिए प्रेरित करते रहते थे। श्री जोगिंदर सिंह जी के मधुर स्वभाव, अत्यंत सरलता, विनम्रता ने साबित कर दिया कि वह श्री गुरु नानक साहिब जी के सच्चे सिख हैं जिनकी गुरु जी ने कल्पना की थी। ईश्वर उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें।
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