इसके अतिरिक्त, इससे यात्रियों और परिवहन व्यवसायों के लिए व्यापक व्यवधान पैदा हुआ है।
Farmers Protest News In Hindi: हरियाणा-पंजाब अंतरराज्यीय सीमा पर स्थित शंभू टोल प्लाजा के बंद होने से 10 फरवरी से केंद्र सरकार को 220 करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व नुकसान हुआ है। इसके अतिरिक्त, इससे यात्रियों और परिवहन व्यवसायों के लिए व्यापक व्यवधान पैदा हुआ है।
मुख्य प्रभाव
- राजस्व हानि: भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) को बंद के बाद से प्रतिदिन 74 लाख रुपये का घाटा हो रहा है, जो कुल मिलाकर 220 करोड़ रुपये है।
- यातायात की समस्या: वैकल्पिक मार्गों पर भारी भीड़ और देरी हो रही है, जिससे दैनिक आवागमन और माल ढुलाई प्रभावित हो रही है।
- बढ़ी हुई लागत: परिवहन व्यवसायों ने अधिक ईंधन खपत और अधिक यात्रा समय के कारण प्रति लोड 4,000 से 5,000 रुपये की अतिरिक्त लागत की रिपोर्ट की है।
एनएच-44 कॉरिडोर पर स्थित टोल प्लाजा को किसानों के आंदोलन के चलते बंद कर दिया गया है। सीमेंट के बैरिकेड्स, कंटीले तारों और भारी पुलिस बल की तैनाती के कारण पंजाब से हरियाणा में प्रवेश बंद है।
व्यापक व्यवधान
बंद होने से पहले शंभू टोल पर प्रतिदिन करीब 40,000 से 50,000 वाहन आते-जाते थे। अब, यातायात को वैकल्पिक राजमार्गों पर भेज दिया गया है, जिसमें दिल्ली-अमृतसर, लुधियाना और जालंधर मार्ग शामिल हैं, जिससे भीड़भाड़ और देरी बढ़ गई है। यात्रियों और व्यापारियों दोनों को ही लंबी यात्रा अवधि और रसद संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इस घटनाक्रम ने न केवल क्षेत्र के परिवहन नेटवर्क पर दबाव डाला है, बल्कि राष्ट्रीय बुनियादी ढांचे पर इस तरह के बंद होने के वित्तीय और परिचालन संबंधी प्रभावों को भी उजागर किया है। अधिकारी स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं, हालांकि तत्काल कोई समाधान नज़र नहीं आ रहा है।
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