उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से न्यूनतम समर्थन भुगतान निर्बाध रूप से किया जा रहा है लेकिन किसान आज भी धरने पर बैठे हैं।
Sunil Jakhar News In Hindi: पंजाब में किसानों के विरोध प्रदर्शन से परेशान उम्मीदवारों के लिए भारतीय जनता पार्टी आगे आई है। इस मामले पर पार्टी अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। अपने संबोधन में किसानों के बारे में बोलते हुए जाखड़ ने कहा कि विपक्ष ने किसानों को मोहरा बनाया है और उनका राजनीतिक इस्तेमाल किया गया है।
उन्होंने कहा कि अब गेहूं की फसल मंडियों में आ चुकी है, जिसमें 1 करोड़ 30 लाख टन की कटाई हो चुकी है और इसे न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदा गया है। उन्होंने कहा कि 2014 में गेहूं और धान के लिए 32 हजार 211 करोड़ रुपये और 2023 और 2024 में 70 हजार 385 करोड़ रुपये दिये गये। जिसमें आय दोगुनी हुई है यह सभी किसानों की मेहनत का परिणाम है।
उन्होंने कहा कि पिछले 10 वर्षों से न्यूनतम समर्थन भुगतान निर्बाध रूप से किया जा रहा है लेकिन किसान आज भी धरने पर बैठे हैं। इस बीच उन्होंने राज्य की सत्ताधारी पार्टी पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और आम आदमी पार्टी एक हैं। चंडीगढ़ में दोनों एक जैसे हैं, जबकि पंजाब में विजिलेंस विभाग भारी पड़ रहा है।
किसानों को हर साल करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा है
सुनील जाखड़ ने कहा कि किसान सम्मान निधि के तहत देशभर में 11 करोड़ किसान पंजीकृत थे, जबकि पंजाब में किसानों की संख्या 23 लाख थी, लेकिन पंजाब सरकार की गलती के कारण यह राशि रोक दी गई है। पंजाब सरकार ने इस रकम के लिए कुछ नहीं किया है। इससे हर साल 900 करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा था कि हर किसान को हर साल छह हजार रुपये दिये जाने चाहिए। पंजाब सरकार इस दिशा में कदम क्यों नहीं उठा रही है? पंजाब के साढ़े 8 लाख किसानों को 6000 रुपये की राशि मिल रही है जबकि शेष 15 लाख किसान वंचित रह गए लेकिन किसी ने आवाज नहीं उठाई।
किसान नेताओं को एक पार्टी चुनने की चुनौती दी गई
जाखड़ ने आंदोलन को लेकर किसान नेताओं पर भी निशाना साधा। उन्होंने आंदोलन पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि किसान अब राजनीतिक हो गए हैं। साथ ही उनकी वजह से शुभकरण की जान चली गई। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि मुद्दों को उठाना नेताओं का काम है। किसान नेता अब यही कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जो मुद्दे उठाए जा रहे हैं उनका समाधान सड़कों और चौराहों पर नहीं होगा। इसके लिए हमें संसद में जाना होगा।' उन्होंने किसान नेताओं से कहा कि अगर वे बीजेपी का विरोध करते हैं तो उन्हें ऐसी पार्टी भी चुननी चाहिए जो संसद में उनकी आवाज उठा सके। या तो आम आदमी पार्टी चुनें या कांग्रेस चुनें। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि किसानों को बदनाम नहीं किया जाना चाहिए। वे भी किसानों की समस्याओं के समाधान के लिए उनके साथ खड़े हैं। उन्होंने मीडिया में कुछ नेताओं के बयान आदि भी दिखाए।
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