पंजाब सरकार ने हमदर्द को मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने जंग-ए-आजादी स्मारक की विजिलेंस जांच में दखल देने से साफ इनकार कर दिया है. देश की सर्वोच्च अदालत ने पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट से इस महीने के अंत तक इस मामले को सुलझाने को कहा है.
दरअसल, वरिष्ठ पत्रकार बरजिंदर सिंह हमदर्द को जालंधर के पास करतारपुर में जंग-ए-आजादी के निर्माण में कथित गबन के मामले में अंतरिम जमानत दे दी गई है। पंजाब सरकार ने हमदर्द को मिली जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. लेकिन आज सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में दखल देने से इनकार कर दिया. इस मामले में हमदर्द के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
यहां बता दें कि 24 मई को विजिलेंस की ओर से हमदर्द के दफ्तर के बाहर चिपकाए गए नोटिस में कहा गया था कि जंग-ए-आजादी मेमोरियल, करतारपुर के निर्माण में अनियमितताओं के संबंध में तकनीकी टीमों की रिपोर्ट के आधार पर एफआईआर दर्ज की गई है। इस नोटिस में यह भी कहा गया है कि उनके और अन्य लोगों के खिलाफ टैक्स चोरी के सबूत मिले हैं. फिर विजिलेंस ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशानुसार हमदर्द को विजिलेंस कार्यालय जालंधर में पेश होने के निर्देश भी दिए।
इस मामले में बरजिंदर सिंह हमदर्द, आईएएस अधिकारी विजय बुबलानी समेत करीब 26 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था. जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों समेत करीब 16 गिरफ्तारियां हुईं. चुनाव आयोग ने पूरे मामले की विस्तृत रिपोर्ट मांगी थी. मामले में जालंधर विजिलेंस ब्यूरो ने आईपीसी की धारा 420, 406, 409, 465, 467, 468, 471, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13 (1) ए के साथ धारा 13 (2) जोड़ दी.
(For More News Apart from Supreme Court asks Punjab and Haryana High Court to settle Jung-e-Azadi case this month, Stay Tuned To Rozana Spokesman)