रिश्तेदार भी हाथ में दिलरोज़ की तस्वीर लेकर पहुंचे, जिन्होंने नम आंखों से दिलरोज़ को श्रद्धांजलि दी।
Dilrose Murder Case: लुधियाना के शिमलापुरी के क्वालिटी रोड पर 28 नंवबर 2021 को पुलिस कर्मचारी की ढाई वर्षीय बेटी दिलरोज का अपहरण कर उसे जिंदा दफनाने के मामले में वीरवार को सेशन जज मुनीश सिंघल की अदालत ने दोषी नीलम को फांसी की सजा सुनाई। अपनी बच्ची दिलरोज को न्याय दिलाने के बाद शुक्रवार को पूरा परिवार उस जगह पहुंचा, जहां हत्यारी नीलम ने दिलरोज को जिंदा दफना दिया था. उनके माता-पिता और दादा-दादी के अलावा पड़ोसी, और रिश्तेदार भी हाथ में दिलरोज़ की तस्वीर लेकर पहुंचे, जिन्होंने नम आंखों से दिलरोज़ को श्रद्धांजलि दी।
दिलरोज के पिता हरप्रीत सिंह ने कहा कि वह इस दर्द को कभी नहीं भूल सकते. उन्होंने कहा कि आज भी जब वह अपने बेटे के लिए बाजार से सामान खरीदते हैं तो बेटी दिलरोज के लिए भी खरीदते हैं. दिलरोज़ की माँ का कहना है कि वह अब भी दिलरोज़ से बहुत प्यार करती है, भले ही हत्यारी नीलम को मौत की सज़ा सुनाई गई हो, लेकिन उसने दिलरोज़ को हमेशा के लिए खो दिया है। इस बीच बीजेपी के वरिष्ठ नेता जीवन गुप्ता भी पहुंचे और दिलरोज को श्रद्धांजलि दी .
आपको बता दें कि गुरुवार को लुधियाना कोर्ट ने दिलरोज की हत्यारी नीलम को मौत की सजा सुनाई थी. फैसला सुनाते हुए अदालत ने कहा कि छोटी बच्ची को जिंदा दफनाकर उसकी हत्या करने की पूरी घटना मानवीय मूल्यों पर एक धब्बा है और आरोपित ने पड़ोसियों और मानवता के विश्वास को तोड़ा है। इस हत्याकांड ने मुगलों के समय की याद दिला दी है। उस समय जिस तरह निर्दयता दिखाई जाती थी, वैसा ही इस मामले में भी हुआ है। इसकी सजा फांसी से कम नहीं हो सकती। बता दें कि लुधियाना में पहली बार किसी महिला को फांसी की सजा सुनाई गई है।
(For more news apart from Dilroz Murder Case After getting justice family paid tribute to their daughter with tearful eyes, stay tuned to Rozana Spokesman)