इस बार के चुनाव में पंजाब के अपने मुद्दों की बात करें तो यहां खेती, बेरोजगारी, नशा और कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दे रहेंगे.
Punjab Lok Sabha Election: पंजाब की 13 सीटों, हिमाचल प्रदेश की 4 सीटों और चंडीगढ़ की एक सीट पर 1 जून को वोट डाले जाएंगे. 7 चरणों में होने वाले चुनाव में पंजाब, चंडीगढ़ और हिमाचल प्रदेश में आखिरी चरण के तहत 1 जून को मतदान होगा और चुनाव के नतीजे 4 जून को घोषित किए जाएंगे.
पंजाब में 1 जून को मतदान होगा और नतीजे 4 जून को आएंगे. राजनीतिक विशेषज्ञों के मुताबिक पंजाब की राजनीति देश की राजनीति से काफी अलग है. पंजाब के अपने कुछ ज्वलंत मुद्दे हैं, जो हर चुनाव में सामने आते हैं। इन्हीं मुद्दों को ध्यान में रखते हुए पंजाब की जनता अपना वोट डालती है.
इस बार के चुनाव में पंजाब के अपने मुद्दों की बात करें तो यहां खेती, बेरोजगारी, नशा और कानून व्यवस्था मुख्य मुद्दे रहेंगे. राष्ट्रीय स्तर पर चल रहे मुद्दों का पंजाब में ज्यादा असर नहीं होगा.
किसान मुद्दा
पंजाब को कृषि प्रधान राज्य कहा जाता है। 13 लोकसभा सीटों वाला यह राज्य पूरे देश के कृषि उत्पादन में बड़ा योगदान देता है। पंजाब के किसानों के पास कई मुद्दे हैं जो इन चुनावों में काफी अहम रहने वाले हैं. पंजाब किसान आंदोलन में सबसे आगे था और देश की सरकार को झुकना पड़ा। अब भी कृषि से जुड़ी कई ऐसी मांगें हैं जिसपर किसान आज भी विराध कर रहे हैं.
जानकारों के मुताबिक, आगामी लोकसभा चुनाव में कृषि अब भी बड़ा मुद्दा है. पंजाब के किसानों के लिए एक कृषि नीति की जरूरत है. प्रदेश के किसानों ने बीजेपी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. किसानों ने ऐलान किया है कि बीजेपी को पंजाब के गांवों में फैलने नहीं दिया जाएगा. वहीं शंभू बॉर्डर पर किसानों को रोका गया है, ऐसे में किसानों के विरोध के बीच शंभू बॉर्डर पर शुभकरण सिंह की मौत भी किसानों के मन में एक बड़ा मुद्दा रहेगा किसान कर्ज, फसल आय, किसान आत्महत्या और रोजगार महत्वपूर्ण हैं.
बेरोजगारी
लोकसभा चुनाव 2024 के मुख्य मुद्दों में मुख्य रूप से बेरोजगारी है जिसे विपक्ष लगातार उठा रहा है। एक एजेंसी द्वारा कराए गए चुनाव पूर्व सर्वेक्षण से पता चला है कि लगभग आधे मतदाताओं ने देश में नौकरियों की कम संख्या से संबंधित चिंता व्यक्त की है। राज्य में भी बेरोजगारी और महंगाई अहम मुद्दा बनकर उभरेगी. देश में बढ़ती बेरोजगारी को देखते हुए पंजाब के युवा विदेशों की ओर देख रहे हैं।
नशा
पंजाब में नशा सबसे बड़ा मुद्दा है. 2017 के चुनाव के दौरान विपक्षी पार्टियों ने नशे को लेकर मौजूदा सरकार अकाली दल को घेरा था. कांग्रेस ने नशा ख़त्म करने के लिए कई वादे किए थे. लेकिन पंजाब के लिए ड्रग्स की समस्या आज भी गंभीर समस्या बनी हुई है. पंजाब में बढ़ती नशे की समस्या को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी कई बार चिंता जता चुके हैं.
पुलिस डेटा के मुताबिक, साल 2020-2021 में ड्रग ओवरडोज से 36 मौतें हुईं। वर्ष 2021-2022 में 71 मौतें हुईं जबकि वर्ष 2022-2023 में 159 मौतें हुईं। संगरूर में नकली शराब पीने से 21 मौतें हुईं. संगरूर लोकसभा सीट पर नशा बड़ा मुद्दा बन सकता है .
कानून व्यवस्था
आम आदमी पार्टी ने मार्च 2022 में पंजाब में सत्ता हासिल की। अभी मुख्यमंत्री भगवंत मान ने शपथ भी नहीं ली थी कि मशहूर कबड्डी खिलाड़ी संदीप सिंह नंगल अंबियां की एक टूर्नामेंट के दौरान गैंगस्टरों ने गोली मारकर हत्या कर दी। इसके बाद 29 मई 2022 को मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की उनके गांव में हत्या कर दी गई.
आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद विपक्षी दल लगातार कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर घेर रहे हैं. इसके अलावा कारोबारियों को मिल रही धमकियां, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई का जेल से इंटरव्यू, कई अभिनेताओं पर हमले और जान से मारने की धमकियों ने पंजाब में कानून-व्यवस्था का मुद्दा खड़ा कर दिया है.
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