पंजाब में हथियारों के मुद्दे पर हाईकोर्ट सख्त, बोले- प्रतिबंध का कोई असर नहीं: डीजीपी से जवाब मांगा गया है
Punjab News: पंजाब के डी.जी.पी हाईकोर्ट में दिए गए हलफनामे में खुलासा हुआ है कि पंजाब में हथियार रखने का रिवाज बढ़ रहा है। हलफनामे के मुताबिक, जनवरी 2019 से दिसंबर 2023 तक पंजाब में 34768 बंदूक लाइसेंस जारी किए गए हैं।
पुलिस महानिदेशक हलफनामे के अनुसार, आत्मरक्षा के लिए 34,768 हथियार लाइसेंस, फसल सुरक्षा के लिए 77, व्यापार सुरक्षा के लिए 1,536 गैंगस्टरों या असामाजिक तत्वों से खतरे के लिए 95 और अन्य कारणों से 727 हथियार लाइसेंस जारी किए गए।
पुलिस महानिदेशक दी गई इस जानकारी पर हाई कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए कहा, ''आपने 2019 से दिसंबर 2023 तक हजारों लाइसेंस जारी किए लेकिन यह नहीं बताया कि इन लाइसेंसों की समय-समय पर समीक्षा या जांच की गई है या नहीं।'' यह सीधे तौर पर आर्म्स एक्ट का उल्लंघन है। इस मामले में डी.जी.पी कोर्ट ने डीजीपी से समय मांगा को अगले गुरुवार तक यह बताने का आदेश दिया गया है कि प्रत्येक जिले में कितने लाइसेंस जारी किए गए हैं और समय-समय पर उनकी समीक्षा की गई है।
हाईकोर्ट ने टिप्पणी की कि पंजाब में लोग हथियारों को खिलौने की तरह इस्तेमाल करते हैं, इस पर अंकुश लगाना बहुत जरूरी है। हाई कोर्ट ने पंजाब में सार्वजनिक कार्यक्रमों में बड़े पैमाने पर आग्नेयास्त्रों के इस्तेमाल और अपराध करने के लिए लाइसेंसी बंदूकों के इस्तेमाल पर भी कड़ी आपत्ति जताई है और कहा है कि प्रतिबंध के बावजूद कोई बदलाव नहीं आया है।
अदालत ने कहा कि पंजाब सरकार ने 2022 में सार्वजनिक स्थानों और इंटरनेट मीडिया पर आग्नेयास्त्रों के उपयोग और प्रदर्शन पर प्रतिबंध लगा दिया था और अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत क्षेत्रों में यादृच्छिक जांच करने का आदेश दिया था। जस्टिस हरकेश मनुजा ने कहा, ''प्रतिबंध के बावजूद जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ है और एक तरफ शादियों और सार्वजनिक समारोहों में आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल व्यापक है, दूसरी तरफ लाइसेंसी आग्नेयास्त्रों का इस्तेमाल अपराध करने के लिए भी किया जा रहा है।
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