सर्दी का मौसम वायु प्रदूषण के लिहाज से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
Punjab Pollution Report, stubble burning in punjab News In Hindi : पराली जलाने के सबसे ज्यादा मामले पंजाब में दर्ज किए गए हैं. बठिंडा में गुरुवार को पराली जलाने के 589 मामले सामने आए, जो इस सीजन के सबसे ज्यादा मामले हैं. जिससे यह संख्या बढ़कर 3,293 हो गई है. 25 अक्टूबर को पराली जलाने के कुल 398 मामले और 24 अक्टूबर को कुल 360 मामले सामने आए. हालांकि, अभी तक फसल अवशेष जलाने के मामले पिछले दो साल की तुलना में कम हैं। पंजाब रिमोट सेंसिंग सेंटर के आंकड़ों के मुताबिक, 589 मामलों में से सबसे ज्यादा 91 मामले अमृतसर से सामने आए हैं. इसके बाद पटियाला में 81, तरनतारन में 67, संगरूर में 63, फिरोजपुर में 56, मोगा में 33, मनसा में 27, फतेहगढ़ से 26 मामले सामने आए हैं।
लुधियाना में 24, जालंधर में 23, गुरदासपुर में 21, कपूरथला में 20, बठिंडा में 13, फरीदकोट, मोहाली में 7, मुक्तसर में 6, बरनाला में 5, नवांशहर, फाजिल्का, मलेरकोटला में 3-3, होशियारपुर और पठानकोट में एक - एक मामले सामने आए है। बता दें कि आमतौर पर पंजाब में हवा की गुणवत्ता अक्टूबर के अंत में खराब होने लगती है। सर्दी का मौसम वायु प्रदूषण के लिहाज से सबसे ज्यादा प्रभावित होता है।
पंजाब में वास्तविक समय की वायु गुणवत्ता अब 93 (खराब) AQI पर है। पिछले 24 घंटों के दौरान शाम 5:50 बजे सबसे अच्छा वायु गुणवत्ता सूचकांक 56 था और सुबह 2:51 बजे सबसे खराब वायु गुणवत्ता सूचकांक 131 था। इस साल पंजाब में धान की कटाई के बाद पराली जलाने के मामलों में भारी कमी आई है। पंजाब सरकार द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, इस साल पराली जलाने के मामलों में 50 फीसदी की कमी आई है, लेकिन इसके बावजूद पंजाब में माहौल खराब होना शुरू हो गया है. लुधियाना और रूपनगर दोनों राज्य के सबसे प्रदूषित शहर हैं।
इसके लिए जरुरू है कि जब तक AQI मध्यम श्रेणी तक सुधर न जाए, पंजाब में बाहर जाते समय एक अच्छा N95 मास्क लोगों को पहनना चाहिए। कार्यालय जाने वालों को निजी वाहनों से बचने की जरुरत है और सार्वजनिक परिवहन को उपयोग में लाना चाहिए।