साढ़े तीन साल पुराने बाबा दयाल दास हत्याकांड में शिकायतकर्ता को डरा-धमका कर रिश्वत वसूली गयी थी.
Chandigarh - फरीदकोट की दास गौशाला में 20 लाख रुपये की रिश्वत के मामले में तत्कालीन आईजी प्रदीप कुमार यादव की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इस संबंध में मामले में नामजद गौशाला के प्रधान महंत मलकीत दास ने कोर्ट में बयान दर्ज कराया है. मलकीत दास ने दावा किया है कि रिश्वत सिर्फ नाम पर नहीं बल्कि आईजी की सहमति से वसूली गई थी.
मलकीत दास ने कहा है कि मामला दर्ज करने के बाद उन्होंने शिकायतकर्ता को 20 लाख के बजाय 40 लाख लौटाकर मामले को सुलझाने का प्रयास किया. रिश्वत की रकम का लेन-देन मलिकित दास के गौशाला में हुआ था. मलिकित दास का दावा है कि आईजी ने 35 लाख के सौदे में 20 लाख वसूलने के बाद बाकी 15 लाख लेने का दबाव डाला.
मलकीत दास ने कहा है कि साढ़े तीन साल पुराने बाबा दयाल दास हत्याकांड में शिकायतकर्ता को डरा-धमका कर रिश्वत वसूली गयी थी. इस मामले में फरीदकोट के तत्कालीन एसपी, डीएसपी, एसआई समेत कुल 5 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था.