कोर्ट ने कहा कि (सीआरपीसी ) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत ऐसा कोई परविधान नहीं है।
Punjab and Haryana High Court: पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोपित एक व्यक्ति को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है। कोर्ट ने कहा कि (सीआरपीसी ) दंड प्रक्रिया संहिता के तहत ऐसा कोई परविधान नहीं है। जस्टिस सुरेश्वर ठाकुर और जस्टिस कुलदीप तिवारी ने कहा, सीआरपीसी या विशेष कानून में ऐसा कोई परविधान नहीं है, जिसके तहत इस न्यायालय को अंतरिम जमानत देने का अधिकार प्राप्त हो। इसके विपरीत, सीआरपीसी में मौजूद परविधान, नियमित जमानत का दावा करने का विशेषाधिकार देते हैं।
पीठ ने यह टिप्पणी ट्रायल कोर्ट के उस आदेश को चुनौती देते समय की जिसके तहत ट्रायल कोर्ट ने भी यूएपीए के तहत आरोपित को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया गया था। याचिकाकर्ता बलजीत सिंह सहित अन्य को मोगा पुलिस पर कथित तौर पर बंदूक तानने और हथगोला फेंकने की कोशिश करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था।
अभियोजन पक्ष के अनुसार उनके पास से कई हथियार बरामद किए गए थे। मार्च 2022 में मामले में आरोप पत्र दायर किया गया था और पुलिस ने अगस्त में दायर एक पूरक आरोप पत्र में उनके खिलाफ यूएपीए के परिवधान लगाए थे। सभी पक्षों को सुनने के बाद खंडपीठ ने निष्कर्ष निकाला कि सीआरपीसी में यूएपीए के तहत अभियुक्त को अंतरिम जमानत देने का कोई विशेष परविधान नहीं है। उपरोक्त के आलोक में, हाई कोर्ट ने मामले को अयोग्य मानते हुए ट्रायल कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा।
(For more news apart from Punjab and Haryana High Court refused to grant interim bail to the person accused under UAPA, said this, stay tuned to Rozana Spokesman hindi)