वह कई मामलों में लंबे समय तक हरदोई जेल में बंद रहा।
UP - उत्तर प्रदेश से बड़ी खबर सामने आई है. कुख्यात अपराधी खान मुबारक (Khan Mubarak) की मौत हो गई है. खान की हरदोई जेल में मौत हो गई है. इसके साथ ही यूपी में एक और माफिया का अंत हो गया है। कुख्यात खान मुबारक की मौत से हड़कंप मच गया है। खान मुबारक लंबे समय तक हरदोई जेल में बंद रहे। हालत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया।
वह कई मामलों में लंबे समय तक हरदोई जेल में बंद रहा। इस घटना की सूचना मिलने के बाद जेल और उसके आसपास भारी संख्या में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है. तबीयत बिगड़ने पर मुबारक को हरदोई जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उसकी मौत हो गई।
खान मुबारक, अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन (Chhota Rajan) का शॉर्प शूटर रहा है. मुख्तार अंसारी, अतीक अहमद, ब्रजेश सिंह और मुन्ना बजरंगी के बीच खान मुबारक भी गैंगेस्टर रहा है.
खान मुबारक पर उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के थानों में हत्या, हत्या के प्रयास, डकैती, रंगदारी और गैंगेस्टर सहित विभिन्न गंभीर धाराओं के तहत 44 मामले दर्ज हैं. सबसे चर्चित मामला यह था कि एक क्रिकेट मैच के दौरान जब अंपायर ने उन्हें आउट घोषित किया तो उन्होंने अंपायर को गोली मार दी।
वर्ष 2012 में महाराजगंज की टांडा तहसील के एक प्रसिद्ध भट्ठा व्यवसायी और ट्रांसपोर्टर व्यवसायी की हत्या कर माफिया खान मुबारक सुर्खियों में आया था. माफिया खान मुबारक ने अपने बड़े भाई की तरह अंबेडकर नगर में अपराध की दुनिया में कदम रखा। अंडरवर्ल्ड डॉन खान जफर के भाई खान मुबारक ने फिरौती के लिए डॉक्टरों और कारोबारियों को निशाना बनाया।
खान मुबारक मुंबई में ब्लैक हॉर्स हत्याकांड के बाद सुर्खियों में आया, जब कैदियों को ले जा रही एक वैन में दो कैदियों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। इसमें खान मुबारक का नाम आया था। 2006 में उसने एक बसपा नेता पर जानलेवा हमला किया, 6 गोलियां लगने के बावजूद वह बच गया, फिर 2008 में उसने फिर से हमला किया, जिसमें नेता की मौत हो गई। रेलवे स्क्रैप को लेकर उसका मुन्ना बजरंगी से विवाद चल रहा था। बताया जाता है कि माफिया डॉन मुख्तार अंसारी ने दोनों के बीच समझौता कराया था।