खान की सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस रामपुर पुलिस लाइन बुला लिया गया है।
रामपुर (उप्र): उत्तर प्रदेश सरकार ने समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता एवं रामपुर नगर से दस बार विधायक रह चुके मोहम्मद आजम खान को दी गई ‘वाई’ श्रेणी सुरक्षा वापस ले ली है। सरकार का कहना है कि अब इसकी आवश्यकता नहीं है। सुरक्षा वापस लेने के बाद सत्तारूढ़ भाजपा और विपक्षी सपा के बीच आरोप प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है । सपा ने जहां जानबूझकर सुरक्षा वापस लेने का आरोप लगाया वहीं भाजपा ने कहा कि यह कदम एक नियमित प्रक्रिया है ।
रामपुर के अपर पुलिस अधीक्षक डॉक्टर संसार सिंह ने बताया कि सुरक्षा मुख्यालय से पुलिस अधीक्षक का एक पत्र प्राप्त हुआ था, जिसमें उल्लेखित है कि पूर्व विधायक आजम खान को प्रदत्त ‘वाई’ श्रेणी की सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने का कोई औचित्य नहीं है।
उन्होंने कहा कि इस आदेश के क्रम में उनकी सुरक्षा वापस ले ली गई है। सिंह ने बताया कि ‘वाई’ श्रेणी के तहत खान को तीन सशस्त्र पुलिसकर्मी उपलब्ध कराए गए थे और उनके आवास पर गारद तैनात थी।
उन्होंने बताया कि खान की सुरक्षा में तैनात सभी सुरक्षाकर्मियों को वापस रामपुर पुलिस लाइन बुला लिया गया है।
वरिष्ठ सपा नेता खान ने 2022 के विधानसभा चुनावों में 10वीं बार रामपुर सीट से जीत हासिल की थी। विधायक चुने जाने पर खान ने रामपुर लोकसभा सीट से इस्तीफा दे दिया था। उत्तर प्रदेश में रामपुर की एमपी/एमएलए अदालत ने खान को भड़काऊ भाषण देने के मामले में पिछले साल अक्टूबर में दोषी करार देते हुए तीन साल कैद और छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई थी। बाद में उनकी विधानसभा सदस्यता रद्द कर दी गयी थी।
मामले में उप्र सरकार पर निशाना साधते हुए समाजवादी पार्टी की प्रदेश इकाई के प्रमुख नरेश उत्तम पटेल ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘वरिष्ठ सपा नेता आजम खान को दी गई वाई श्रेणी की सुरक्षा वापस ले ली गई है। उनकी जान को खतरा है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘इससे अधिक दुर्भाग्यपूर्ण क्या हो सकता है? आज कुछ भाजपा नेता ऐसे हैं, जिन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है, लेकिन वे वाई श्रेणी की सुरक्षा लेकर घूम रहे हैं।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा सरकार ने आजम खान को झूठे मुकदमों में फंसाया है और उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जा रहा हैं । पटेल के दावों पर पलटवार करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता मनीष शुक्ला ने कहा, ‘‘जिन लोगों को सरकार द्वारा सुरक्षा दी जाती है, उसकी समय-समय पर समीक्षा की जाती है । यह समीक्षा एक समिति करती है जो निर्धारित करती है कि किसे सुरक्षा दी जानी है।’’
शुक्ला ने कहा, ‘‘आजम खान के लिए यह निर्णय लिया गया कि उन्हें किसी सुरक्षा की जरूरत नहीं है।’’ उन्होंने कहा कि यह एक ‘नियमित प्रक्रिया’ है। इस बीच, एक पूर्व मुख्य सचिव ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘पूर्व कैबिनेट मंत्री खान (उप्र के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की मंत्रिपरिषद में) के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान आजम खान को ‘महत्वपूर्ण सुरक्षा कवर’ प्राप्त था।