मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर जताई आशंका

खबरे |

खबरे |

मायावती ने महिला आरक्षण विधेयक के कुछ प्रावधानों को लेकर जताई आशंका
Published : Sep 20, 2023, 5:27 pm IST
Updated : Sep 20, 2023, 5:27 pm IST
SHARE ARTICLE
Mayawati expressed apprehension regarding some provisions of Women's Reservation Bill (file photo)
Mayawati expressed apprehension regarding some provisions of Women's Reservation Bill (file photo)

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसका मतलब है कि इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा।’’

लखनऊ: बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने बुधवार को सरकार से महिला आरक्षण विधेयक को जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया से अलग करने का आग्रह किया, क्योंकि ऐसा नहीं होने पर इसके क्रियान्वयन में कई वर्षों तक "देरी" होगी।.

मायावती ने सरकार से यह सुनिश्चित करने के लिए भी कहा कि महिला आरक्षण "तत्काल" लागू हो जाए। उन्होंने कहा कि विधेयक के कुछ प्रावधानों को इस तरह से तैयार किया गया है कि आरक्षण का लाभ अगले 15 या 16 वर्षों तक या बाद के "कई चुनावों" तक महिलाओं तक नहीं पहुंच पाएगा।

सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ को मंगलवार को लोकसभा में पेश किया।

विधेयक को पहले ही समर्थन दे चुकीं बहुजन समाज पार्टी प्रमुख मायावती ने कहा, ‘‘इस संशोधन विधेयक के तहत इस महिला आरक्षण विधेयक पास होने के बाद पहले पूरे देश में जनगणना करायी जाएगी। यह विधेयक पारित तो हो जाएगा लेकिन तुरंत लागू नहीं होगा। जब यह जनगणना पूरी हो जाएगी तो उसके पश्चात ही पूरे देश में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं का परिसीमन पूरा कराया जाएगा। उसके बाद ही महिला आरक्षण संबंधी संशोधन विधेयक लागू होगा।’’

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘इसका मतलब है कि इसे तुरंत लागू नहीं किया जाएगा।’’

बसपा नेता ने कहा, ‘‘यह बात किसी से छिपी नहीं हैं कि देश भर में नये सिरे से जनगणना कराने में कई वर्ष लग जाते हैं। पिछली जनगणना वर्ष 2011 में प्रकाशित हुई थी। जिसके पश्चात आज तक पुन: जनगणना नहीं हो सकी। ऐसी स्थिति में संविधान संशोधन के तहत इस नयी जनगणना में कई वर्ष लग जायेंगे। तब फिर उसके बाद ही पूरे देश में परिसीमन का कार्य शुरू किया जाएगा, इसमें भी कई साल लगेंगे। इस परिसीमन के पश्चात ही यह महिला आरक्षण विधेयक लागू होगा।’’.

उन्होंने कहा, ‘‘जबकि 128 वें संशोधन विधेयक की सीमा ही पन्द्रह वर्ष रखी गयी है। इस प्रकार से यह स्पष्ट है कि यह संशोधन विधेयक वास्तव में महिलाओं को आरक्षण देने की साफ नियत से नहीं लाया गया हैं।’’

उन्होंने कहा कि यह विधेयक आने वाली विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में देश की भोली भाली महिलाओं को यह प्रलोभन देकर और उनकी आंखों में धूल झोंक कर उनका वोट हासिल करने की नियत से ही लाया गया है। इसके सिवा कुछ भी नहीं है, जैसा कि इसे लागू करने की शर्तें रखी गयी हैं।’’

मायावती ने कहा, ‘‘यदि ऐसा नहीं है तो फिर हमारी पार्टी सरकार से यह भी अनुरोध करती है कि सरकार इस विधेयक में से या तो इन दोनों प्रावधानों को निकाले या फिर कुछ ऐसे उपाय तलाशे कि इस विधेयक के जरिये महिलाओं को आरक्षण का लाभ जल्दी मिले।

आरक्षण के अंदर आरक्षण की मांग पर जोर देते हुए, मायावती ने कहा, ‘‘मैं 33 प्रतिशत आरक्षण में अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग की महिलाओं के लिए एक अलग आरक्षण की फिर से अपील करती हूं। इसी तरह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) महिलाओं का आरक्षण भी तय किया जाना चाहिए क्योंकि वे सामान्य वर्ग की महिलाओं की तुलना में अब भी पिछड़ी हुई हैं।’’.

हालांकि, उन्होंने दोहराया कि उनकी पार्टी विधेयक को समर्थन देगी, भले ही इसकी शर्तें स्वीकार नहीं की गईं। उन्होंने कहा कि उनका मानना है कि महिलाएं पुरुषों की तुलना में पिछड़ी हुई हैं।.

कांग्रेस पर हमला बोलते हुए मायावती ने कहा कि पिछले दिनों केंद्र की कांग्रेस सरकार जो विधेयक लाई थी, उसमें इन वर्गों के लिए अलग से आरक्षण का प्रावधान नहीं किया गया था, जिसके कारण उस समय यह पारित नहीं हो सका।

उन्होंने आरोप लगाया, ''अपने राजनीतिक लाभ के लिए, इसके (कांग्रेस पार्टी के) नेता अब इन वर्गों की महिलाओं के लिए अलग से आरक्षण दिए जाने की भी वकालत कर रहे हैं ।’’

उन्होंने कहा,'' इससे साफ जाहिर हैं कि देश की महिलाओं को लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में इनको आरक्षण देने के मामले में भाजपा और कांग्रेस पार्टी एंड कंपनी की पूरी तरह से नियत साफ नहीं है और ये सभी पार्टियां इसकी आड़ में केवल उनका वोट हासिल करने के लिए अपने-अपने स्वार्थ की राजनीति कर रही हैं और कुछ नहीं कर रही हैं ।''

मायावती ने कहा,'' इसलिए देश की महिलायें ऐसी सभी पार्टियों से जरूर सावधान रहें, जिससे उन्हें कुछ भी हासिल होने वाला नहीं हैं ।''

सरकार ने लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने वाला एक संवैधानिक संशोधन विधेयक मंगलवार को संसद के निचले सदन में पेश किया गया। इसे 'नारी शक्ति वंदन विधेयक' कहा गया है।

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM

जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, मंच बंद

19 Dec 2024 5:30 PM

जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में खनौरी बॉर्डर पहुंचे मूसेवाला के पिता

19 Dec 2024 5:28 PM

ਧਾਮੀ 'ਤੇ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਸਖ਼ਤ ਐਕਸ਼ਨ, ਬੀਬੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਬਾਅਦ Raj Lali Gill ਦਾ Exclusive Interview

18 Dec 2024 5:42 PM

18 ਸਾਲ ਪੁਰਾਣੇ ਘਰੇਲੂ ਝਗੜੇ ਬਾਰੇ Jathedar ਦੇ ਵੱਡੇ ਖ਼ੁਲਾਸੇ - Bathinda Jathedar Harpreet Singh|Viral Video

18 Dec 2024 5:39 PM