सभ्य और समर्थ समाज के लिए शिक्षा को संस्कार युक्त बनाना जरूरी : मुख्यमंत्री योगी

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सभ्य और समर्थ समाज के लिए शिक्षा को संस्कार युक्त बनाना जरूरी : मुख्यमंत्री योगी
Published : Oct 25, 2023, 1:49 pm IST
Updated : Oct 25, 2023, 1:49 pm IST
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Chief Minister Yogi (file photo)
Chief Minister Yogi (file photo)

Chief Minister Yogi News: शिक्षकों से मुखातिब योगी ने कहा, ''जैसी शिक्षा होगी, वैसा चरित्र होगा।

गोरखपुर : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एक सभ्य और समर्थ समाज के निर्माण के लिए शिक्षा को संस्कार युक्त बनाने की जरूरत को रेखांकित करते हुए बुधवार को कहा कि शिक्षकों को चाणक्य, गुरु वशिष्ट और विश्वामित्र को अपना आदर्श बनाना चाहिए।.

योगी ने गोरखपुर मंडल के 1,086 परिषदीय विद्यालयों में स्मार्ट क्लास और 64 ब्लॉक संसाधन केंद्रों में आईसीटी प्रयोगशाला के लोकार्पण तथा 14,360 शिक्षकों को टैबलेट एवं 1,207 दिव्यांग बच्चों को 1,980 सहायक उपकरणों के वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की। उन्होंने कहा, ''सभ्य समाज के बिना कोई भी राष्ट्र सशक्त नहीं हो सकता। इसके लिए वहां की शिक्षा को संस्कार युक्त बनाना पड़ेगा। व्यक्ति के अंदर आत्मानुशासन की भावना पैदा होनी चाहिए। उसके अंदर समाज और राष्ट्र से जुड़े मुद्दों को अपना मुद्दा समझने का भाव पैदा होना चाहिए। इन सभी भावनाओं का अगर समावेश कराया जा सकता है, तो उसका माध्यम शिक्षा ही है।''

शिक्षकों से मुखातिब योगी ने कहा, ''जैसी शिक्षा होगी, वैसा चरित्र होगा। चरित्र के अनुरूप समाज की दिशा तय होगी और राष्ट्र भी उसी दिशा में जाएगा। समर्थ और सशक्त राष्ट्र के निर्माण का पूरा का पूरा दारोमदार आपके परिश्रम पर टिका है। आप चाहें तो देश को नयी बुलंदियों पर पहुंचा सकते हैं।'' उन्होंने कहा, ''एक शिक्षक का आदर्श अगर कोई होना चाहिए, तो वह चाणक्य, गुरु वशिष्ट और विश्वामित्र, ऋषि संदीपन और भारद्वाज होने चाहिए।''

मुख्यमंत्री ने कहा, ''गुरु वशिष्ट और विश्वामित्र नहीं होते, तो क्या राम हो पाते? अगर चाणक्य नहीं होते, तो क्या चंद्रगुप्त मौर्य होते? गुरु संदीपन नहीं होते, तो क्या कृष्ण हमें मिल पाते? भारत में ऐसे ढेर सारे उदाहरण हैं।''.

उन्होंने कहा, ''अच्छे गुरुओं के मार्गदर्शन में एक बच्चे को समर्थ और सभ्य नागरिक के रूप में अपनी भूमिका का निर्वहन करते हुए देखा जा सकता है। अपने कार्यों के मूल्यांकन का तौर-तरीका होना चाहिए। अगर यह नहीं है, तो वह व्यक्ति अपने साथ धोखा कर रहा है। वह समाज और राष्ट्र के साथ भी धोखा कर रहा होगा।'' योगी ने शिक्षकों से कहा कि आज समाज जिस दिशा में सोच रहा है, अगर हमने उससे दो कदम आगे बढ़कर नहीं सोचा तो हम पिछड़ जाएंगे। उन्होंने शिक्षकों को सलाह दी, ''अगर हम खुद को समय के अनुरूप ढालने की प्रवृत्ति अपनाएंगे, तो इसके बेहतर परिणाम सामने आएंगे। मासिक, त्रैमासिक, छह मासिक और वार्षिक स्तर पर अपने कार्यों का मूल्याकंन करें।''

शिक्षा के क्षेत्र में प्रदेश सरकार के कार्यों का जिक्र करते हुए योगी ने कहा, ''आप सबके सामूहिक प्रयास से बेसिक शिक्षा परिषद में नित नये परिवर्तन आए हैं और समय के अनुरूप खुद को ढालने की सकारात्मक प्रवृत्ति पैदा हुई है। पिछले छह वर्षों के दौरान 1.64 लाख शिक्षकों की भर्ती हुई है। ऑपरेशन कायाकल्प, निपुण भारत और स्कूल चलो अभियान जैसे कार्यक्रम चलाए गए हैं।''.

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