रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि कंपनी का ग्राहकों से संपर्क नहीं होने से लोग बीमा पॉलिसी से दूर होते हैं।
New Delhi: जीवन बीमा के लिए प्रीमियम राशि बढ़ना ग्राहकों के लिए बड़ी चिंता की बात है और इसे किफायती बनाए रखना एक प्रमुख मुद्दा बन गया है। मंगलवार को जारी एक सर्वे में यह कहा गया है।
बाजार के बारे में शोध करने वाली कंपनी हंसा रिसर्च की रिपोर्ट में जीवन बीमा उत्पाद खरीदने के निर्णय में तीन बड़ी बाधाएं बताई गयी हैं। इसमें आर्थिक बाधाएं/उत्पादों का किफायती होना, बीमा उत्पाद खरीदने को लेकर समस्या की आशंका आदि शामिल हैं। सर्वे देशभर के करीब 3,300 जीवन बीमा पॉलिसीधारकों के विचारों के आधार पर तैयार किया गया है। इन लोगों से पॉलिसीधारक के रूप में उनके अनुभव के बारे में पूछा गया था।
रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि कंपनी का ग्राहकों से संपर्क नहीं होने से लोग बीमा पॉलिसी से दूर होते हैं। सर्वे में 22 प्रतिशत ग्राहकों ने पॉलिसी छोड़ने के संभावित कारण के रूप में ‘कंपनी का संपर्क में नहीं होने’ का हवाला दिया।
इसमें कहा गया है कि 10 ग्राहकों में से आठ ने माना कि बैंक के आरएम (रिलेशनशिप मैनेजर)/एजेंट को बीमा उत्पाद खरीदने के बाद छह महीने में कम-से-कम एक बार उन्हें कॉल करना चाहिए या मुलाकात करनी चाहिए। सर्वे के अनुसार, ग्राहकों में डिजिटलीकरण का भी असर देखने को मिल रहा है। चाहे वह कंपनी की वेबसाइट पर खरीदारी से पहले की जानकारी के लिये हो या फिर अन्य चीजों के लिए।