देश से होने से कुल चावल के निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है।
New Delhi: सरकार ने शुक्रवार को उसना चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि अगले साल मार्च तक बढ़ा दी। वित्त मंत्रालय ने एक अधिसूचना में कहा कि उसना (सेला) चावल पर निर्यात शुल्क की अवधि को बढ़ाकर 31 मार्च, 2024 कर दिया गया है।
उल्लेखनीय है कि बाजार में पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने और घरेलू कीमतों को काबू में रखने को चावल की इस किस्म पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क 25 अगस्त से 16 अक्टूबर तक के लिये लगाया गया था।
इन पाबंदियों के साथ भारत ने सभी तरह के गैर-बासमती चावल के निर्यात पर पाबंदी लगा दी है। देश से होने से कुल चावल के निर्यात में गैर-बासमती सफेद चावल की हिस्सेदारी करीब 25 प्रतिशत है।