वर्ष 2022 में दोनों प्रमुख सूचकांक अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे। एक दिसंबर को सेंसेक्स ने 63,583.07 अंक का अपना सर्वोच्च स्तर हासिल किया था।
मुंबई : इस साल के अंतिम कारोबारी दिवस पर शुक्रवार को घरेलू शेयर बाजारों में ऊंचे स्तर पर बिकवाली का जोर रहने से दोनों प्रमुख सूचकांक... बीएसई सेंसेक्स और एनएसई निफ्टी गिरावट के साथ बंद हुए। हालांकि सालाना आधार पर सेंसेक्स ने 4.44 प्रतिशत और निफ्टी ने 4.32 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।
बीएसई का 30 शेयरों वाला मानक सूचकांक सेंसेक्स 293.14 अंक यानी 0.48 प्रतिशत नुकसान के साथ 60,840.74 अंक पर बंद हुआ। कारोबार के दौरान यह एक समय 258.8 अंक चढ़कर 61,392.68 अंक तक पहुंच गया था लेकिन बैंक, आईटी एवं पूंजीगत उत्पाद शेयरों में बिकवाली होने से इसने सारी बढ़त गंवा दी।
इसी तरह एनएसई का सूचकांक निफ्टी भी 85.70 अंक यानी 0.47 प्रतिशत गिरकर 18,105.30 अंक पर बंद हुआ।
इसके साथ ही वर्ष 2022 के अंतिम कारोबारी सत्र का समापन हो गया। पिछले साल के बंद भाव की तुलना में इस साल सेंसेक्स 2,586.92 अंक यानी 4.44 प्रतिशत की बढ़त पर रहा है जबकि निफ्टी में 751.25 अंक यानी 4.32 प्रतिशत की तेजी दर्ज की गई है। वर्ष 2021 में सेंसेक्स ने 10,502.49 अंक यानी 21.99 प्रतिशत की जबरदस्त तेजी दर्ज की थी।
वर्ष 2022 में दोनों प्रमुख सूचकांक अपने रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचे। एक दिसंबर को सेंसेक्स ने 63,583.07 अंक का अपना सर्वोच्च स्तर हासिल किया था। हालांकि गत 17 जून को यह साल के निम्नतम स्तर 50,921.22 अंक पर भी गिरा था।
सेंसेक्स में शामिल कंपनियों में से शुक्रवार को आईसीआईसीआई बैंक, भारती एयरटेल, एचडीएफसी, आईटीसी, नेस्ले, लार्सन एंड टुब्रो, एशियन पेंट्स, महिंद्रा एंड महिंद्रा, पावरग्रिड और इंडसइंड बैंक को खासा नुकसान उठाना पड़ा।
दूसरी तरफ, बजाज फिनसर्व, टाइटन, बजाज फाइनेंस, टाटा स्टील, टाटा मोटर्स, विप्रो, कोटक महिंद्रा बैंक, टेक महिंद्रा, रिलायंस इंडस्ट्रीज और भारतीय स्टेट बैंक के शेयर बढ़त हासिल करने में सफल रहे।
हालांकि बीएसई स्मालकैप सूचकांक 0.76 प्रतिशत चढ़ गया जबकि मिडकैप सूचकांक 0.37 प्रतिशत की बढ़त पर रहा।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा, "उथल-पुथल भरे साल के आखिरी कारोबारी दिन पर घरेलू सूचकांकों ने वैश्विक बाजारों से मिले नकारात्मक संकेतों से अपनी शुरुआती बढ़त गंवा दी और गिरावट में रहे। नए साल के लिए आर्थिक परिदृश्य को लेकर निवेशकों में चिंता है और मंदी की आशंका गहराने से उसे बल मिल रहा है।"
इसके साथ ही नायर ने कहा कि ऊंची ब्याज दरों और अर्थव्यवस्था में सुस्ती आने से निकट-अवधि में उतार-चढ़ाव का सिलसिला कायम रहने की आशंका है। उन्होंने कहा, "हमें लगता है कि मूल्य को ध्यान में रखते हुए खरीदारी करना वर्ष 2023 का विषय है। वाजिब मूल्यांकन, मजबूत आय और सशक्त मांग प्रमुख मानदंड होंगे।" एशिया के अन्य बाजारों में टोक्यो, शंघाई और हांगकांग के सूचकांक बढ़त के साथ बंद हुए।
यूरोप के शेयर बाजार शुरुआती कारोबार में गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। अमेरिकी शेयर बाजार बृहस्पतिवार को बढ़त के साथ बंद हुए थे। अंतरराष्ट्रीय तेल मानक ब्रेंट क्रूड 0.14 प्रतिशत के नुकसान के साथ 83.34 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया।
इस बीच, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने भारतीय बाजारों से निकासी की है। उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक बृहस्पतिवार को एफआईआई ने 572.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयरों की शुद्ध बिकवाली की