रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पांरपरिक रूप से भारतीय छात्र अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को प्राथमिकता देते हैं।
Students go abroad for education : पंजाब, तेलंगाना और महाराष्ट्र देश के उन शीर्ष राज्यों में शुमार हैं, जहां से सबसे अधिक छात्र उच्च शिक्षा के लिए विदेश जाते हैं। वहीं, जर्मनी, किर्गिस्तान, आयरलैंड, रूस और फ्रांस छात्रों के पसंदीदा स्थान के रूप में उभरे हैं जहां पर भारतीय छात्र जाकर पढ़ाई करना पसंद कर रहे हैं। एक अध्ययन में यह खुलासा हुआ है। ‘बेयॉण्ड बेड्स एंड बाउंड्रिज : इंडियन स्टुडेंट मोबिलिटी रिपोर्ट-2023’ को वैश्विक शिक्षा संगोष्ठी में शुक्रवार को जारी किया गया। यह रिपोर्ट अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया पर विशेष ध्यान देने के साथ, विदेशों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले भारतीय छात्रों की गतिशीलता पर भी प्रकाश डालती है।.
रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘वर्ष 2019 में करीब 10.9 लाख भारतीय छात्र विदेश में पढ़ाई कर रहे थे। इन आंकड़ों में 2022 में सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और विदेश पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या बढ़कर 13.24 लाख हो गई। विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों की संख्या में मौजूदा 15 प्रतिशत की वृद्धि कायम रहती है, तो 2025 में अनुमान है कि ऐसे छात्रों की संख्या 20 लाख के करीब पहुंच जाएगी।’’.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘‘पांरपरिक रूप से भारतीय छात्र अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को प्राथमिकता देते हैं। हालांकि, हाल के समय में जर्मनी, किर्गिस्तान, आयरलैंड, सिंगापुर, रूस, फिलीपीन, फ्रांस और न्यूजीलैंड भी भारतीय छात्रों के पसंदीदा गंतव्यों के तौर पर उभरे हैं।’’ भारत से विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की राज्यवार संख्या के आधार पर पंजाब, तेलंगाना और महाराष्ट्र शीर्ष पर है। रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले भारतीय छात्रों में पंजाब के 12.5 प्रतशित, आंध्र प्रदेश/तेलंगाना के 12.5 प्रतिशत, महाराष्ट्र के 12.5 प्रतिशत, गुजरात के आठ प्रतिशत, दिल्ली/एनसीआर के आठ प्रतिशत, तमिलनाडु के आठ प्रतिशत, कर्नाटक के छह प्रतिशत और बाकी राज्यों के 33 प्रतिशत छात्र हैं।
रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि विदेश में जाकर पढ़ाई करने पर होने वाले खर्च में तेजी से वृद्धि होगी और 2025 में यह करीब 70 अरब अमेरिकी डॉलर होने की उम्मीद है। रिपोर्ट में कहा, ‘‘वर्ष 2019 में, भारतीय छात्रों ने विदेश में शिक्षा पर अनुमानित 37 अरब अमेरिकी डॉलर खर्च किए। वर्ष 2022 में इस व्यय में नौ प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 47 अरब डॉलर तक पहुंच गया। यदि यह क्षेत्र 14 प्रतिशत की मौजूदा दर से बढ़ता रहा, तो 2025 तक भारतीय छात्रों द्वारा विदेश में शिक्षा पर अनुमानित खर्च 70 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है।’’