निजी शिक्षण संस्थानों की लगाम कसने के लिए विधेयक ला सकती है राजस्थान सरकार

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निजी शिक्षण संस्थानों की लगाम कसने के लिए विधेयक ला सकती है राजस्थान सरकार
Published : Dec 16, 2022, 4:16 pm IST
Updated : Dec 16, 2022, 4:16 pm IST
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Rajasthan government may bring a bill to curb private educational institutions
Rajasthan government may bring a bill to curb private educational institutions

इस विधेयक के लिए कवायद 2020 में शुरू की गई थी और इसका मसौदा पहले से ही तैयार है। इस विधेयक को कोटा में अत्याधिक तनाव के कारण कोचिंग छात्रों की...

जयपुर : राजस्थान सरकार द्वारा बहुप्रतीक्षित ‘राजस्थान निजी शैक्षिक नियामक प्राधिकरण विधेयक-2022’ विधानसभा के आगामी बजट सत्र में पेश किए जाने की संभावना है। इस विधेयक के तहत राज्य सरकार एक नियामक प्राधिकरण के माध्यम से छात्रों में तनाव सहित विभिन्न मुद्दों को हल करने का प्रयास करेगी।.

इस विधेयक के लिए कवायद 2020 में शुरू की गई थी और इसका मसौदा पहले से ही तैयार है। इस विधेयक को कोटा में अत्याधिक तनाव के कारण कोचिंग छात्रों की आत्महत्या के हालिया के मामलों को देखते हुए महत्वपूर्ण माना जाता रहा है।

प्राप्त सूचना के अनुसार गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करने के लिए राजस्थान निजी शिक्षा विनियामक प्राधिकरण की स्थापना का प्रावधान करने वाला यह विधेयक निजी शिक्षा संस्थानों और कोचिंग/ट्यूशन केंद्रों द्वारा लगाए गए शिक्षण शुल्क, वार्षिक शुल्क वृद्धि, आवश्यक अध्ययन सामग्री की लागत और अन्य शुल्कों की संरचना को भी विनियमित करेगा।

प्रस्तावित प्राधिकरण की अध्यक्षता जाने माने शिक्षाविद करेंगे क्योंकि इसके अध्यक्ष अध्ययन के घंटे तय करने के लिए अलग-अलग प्रावधान करेंगे, नियमित विषय परीक्षणों के बीच अंतर को ठीक करने के लिए सप्ताह में एक दिन का समय तय करेंगे ताकि छात्रों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को किसी अनुचित दबाव से बचा जा सके।

मसौदा विधेयक के अनुसार, ‘‘एक ‘कैरियर परामर्श सेल’ भी बनेगा जो छात्रों को उन विभिन्न संभावित क्षेत्रों के बारे में सूचित करेगा जो वे भविष्य में अपनाए जा सकते हैं ताकि उन्हें अपने भविष्य को लेकर किसी तरह के मानसिक दबाव का सामना न करना पड़े।’’

प्रस्तावित प्राधिकरण कोचिंग/ट्यूशन केंद्रों के फर्जी विज्ञापन, झूठे दावों (किसी परीक्षा विशेष में चयनित छात्रों की संख्या, फैकल्टी का नाम और अन्य) के कदाचार पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाएगा। यह फर्जी विज्ञापनबाजी और टॉपर्स के महिमामंडन को हतोत्साहित करने के उपाय भी करेगा ताकि दूसरे बच्चे हतोत्साहित न हों।

मसौदा विधेयक के अनुसार, ‘‘शैक्षणिक संस्थानों में छात्रों की मानसिक और शारीरिक भलाई सुनिश्चित करने के लिए यह प्राधिकरण छात्रों के नियमित परामर्श, मनोरंजन और सुरक्षा के लिए नियम बनाएगा। यह हर संस्थान में एक परामर्श और सलाह प्रकोष्ठ की स्थापना को अनिवार्य करेगा।’’

इसके अनुसार, ‘‘साथ ही छात्राओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश जारी किए जाएंगे। निजी शिक्षण संस्थानों के सभी स्तरों पर ‘अलग-अलग सक्षम’ छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों के लिए भी विशेष प्रावधान किए जाएंगे।’’

प्राधिकरण कोचिंग केंद्रों में नामांकित छात्रों और उनके माता-पिता के बीच उच्च स्तर के तनाव के गंभीर मुद्दे का समाधान करना चाहता है।.

प्राधिकरण छात्रों और अभिभावकों के लिए 24 घंटे हेल्पलाइन की स्थापना को अनिवार्य करेगा और कोचिंग केंद्रों के लिए एक तर्कसंगत शुल्क संरचना विकसित करने का प्रावधान भी करेगा। विधेयक के किसी भी प्रावधान के उल्लंघन पर एक करोड़ रुपये से अधिक के जुर्माने का प्रावधान नहीं है, बशर्ते कि दूसरे या बाद के उल्लंघन के लिए अधिकतम जुर्माना 5 करोड़ रुपये हो। विधेयक के अन्य प्रावधानों में सरकार के साथ सभी कोचिंग संस्थानों का अनिवार्य पंजीकरण और उनके खातों की वार्षिक ऑडिटिंग शामिल है।.

आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि विधेयक को विधानसभा के अगले सत्र में पेश किए जाने की संभावना है।

राज्य सरकार ने पिछले माह प्रदेश में संचालित कोचिंग संस्थानों में पढ़ने/रहने वाले विद्यार्थियों को मानसिक सहयोग एवं सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से दिशा-निर्देश जारी किये थे। दिशानिर्देशों का उद्देश्य छात्रों के लिए तनाव मुक्त और सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करना था।

उल्लेखनीय है कि कोटा में कोचिंग के तीन छात्रों ने हाल ही में आत्महत्या कर ली थी।

नीट की तैयारी कर रहे अंकुश आनंद (18) और जेईई की तैयारी कर रहे उज्ज्वल कुमार (17) ने सोमवार सुबह अपने पीजी के कमरों में फंदे से लटककर आत्महत्या कर ली। दोनों बिहार के रहने वाले थे। पुलिस ने बताया कि तीसरा छात्र प्रणव वर्मा (17) मध्य प्रदेश का रहने वाला था और वह नीट की तैयारी कर रहा था। उसने रविवार देर रात अपने हॉस्टल में कथित तौर पर कुछ जहरीला पदार्थ खाकर आत्महत्या कर ली।.

शुरुआती जांच में पता चला है कि आनंद और कुमार कुछ समय से अपनी कोचिंग कक्षाओं में नियमित रूप से उपस्थित नहीं हो रहे थे तथा पढ़ाई में पिछड़ रहे थे और यह उनकी आत्महत्या की वजह हो सकती है।

देशभर के दो लाख से अधिक छात्र कोटा में विभिन्न संस्थानों में मेडिकल तथा इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश परीक्षाओं के लिए कोचिंग ले रहे हैं और करीब 3,500 हॉस्टल तथा पीजी में रह रहे हैं।

Location: India, Rajasthan, Jaipur

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