कोल्लेरू देश में ताजा पानी की सबसे बड़ा झील है जो कृष्णा और गोदावरी नदियों के डेल्टा के बीच स्थित है।
एलुरु (आंध्र प्रदेश) : आंध्र प्रदेश में कोल्लेरू झील का अधिकतर क्षेत्र पहले से करीब छह लाख प्रवासी पक्षियों के कलरव से गूंज रहा है और इस संख्या के बढ़कर 10 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है क्योंकि रामसर स्थल को अधिक से अधिक पक्षी ठंड के मौसम में अपना निवास स्थान बनाने को तैयार हैं। वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार, ग्लॉसी आइबिस, ओपन बिल्ड स्टॉर्क, पर्पल मूरहेन और पेंटेड स्टॉर्क यहां अपना घोंसला बनाने के लिए आ रहे हैं, जिनमें से कई भीषण सर्दी के लिए मशहूर रूस और साइबेरिया से उड़ान भर कर आ रहे हैं।
अपने गृह क्षेत्र में भीषण ठंड से बचने के लिए कई प्रवासी पक्षी कोल्लेरू पहुंच रहे हैं और कई के आगामी हफ्तों में पहुंचने की संभावना है।
यह एक प्राकृतिक घटना है जिसके तहत प्रवासी पक्षी ठंड के मौसम के दौरान घोंसले बनाने और प्रजनन के उद्देश्य से हजारों किलोमीटर की दूरी तय करते हैं। ये पक्षी रूस, साइबेरिया और यूरोप के ठंडे इलाकों से आते हैं।
कोल्लेरू देश में ताजा पानी की सबसे बड़ा झील है जो कृष्णा और गोदावरी नदियों के डेल्टा के बीच स्थित है। अधिकारियों ने कहा कि मछली के रूप में उपलब्ध भोजन और प्रजनन के लिए अनुकूल जलवायु परिस्थिति के कारण ठंड के दौरान ये पक्षी यहां आते हैं।
वन रेंज अधिकारी (वन्यजीव), एलुरु एस वी के कुमार ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘पहले से ही छह लाख पक्षी यहां मौजूद हैं। आगामी दिनों में यह संख्या बढ़कर 10 लाख तक पहुंच सकती है। पारिस्थितिकी संतुलन के लिए प्रवासी पक्षियों के महत्व पर स्थानीय लोगों को जागरूक करने और शिकारियों पर कड़ी निगरानी रखने के सरकार के लगातार प्रयास अब रंग ला रहे हैं।’’
कुमार के अनुसार, शिकारी आजीविका के लिए इन पक्षियों को मारा करते थे, लेकिन कड़े दंड के कारण शिकार की गतिविधियों में उल्लेखनीय कमी आई है।