बता दें कि मराठा समुदाय काफी समय से मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग कर रही थी.
Maharashtra News: महाराष्ट्र विधानसभा का विशेष सत्र मंगलवार की सुबह 11 बजे शुरू हुआ. इस विशेष सत्र में आज मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठा आरक्षण बिल (Maratha Reservation Bill) पेश किया। महाराष्ट्र सरकार की कैबिनेट ने मराठा समुदाय को अलग से 10 % आरक्षण देने को मंजूरी दे दी है.
बता दें कि मराठा समुदाय काफी समय से मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग कर रही थी.
बता दें कि मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जारांगे पाटिल जालाना जिले के अंतरवाली सारती गांव में लंबे समय से मराठा समुदाय की आरक्षण की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं. यही वजह है कि महाराष्ट्र सरकार ने यह विशेष सत्र बुलाया है. वहीं अब मराठा आरक्षण बिल (Maratha Reservation Bill) को पेश कर दिया गया है.
इस बार बकाया सर्वे कराया गया और यह सुनिश्चित किया गया है कि कोई भी कानूनी रोड़ा इसके बीच ना आ पाएं. 10 फीसद आरक्षण को मंजूरी मिल गई है.
तो चलिए आपको बताते हैं कि मराठा आरक्षण बिल की मुख्य बातें...
-सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय की भागीदारी बहुत कम है, इसलिए उन्हें पर्याप्त भागीदारी देने की जरूरत है.
-इसलिए मराठा समाज को सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक रूप से पिछड़ा घोषित किया जाता है.
- सर्वे रिपोर्ट से पता चलता है कि मराठा समुदाय सामाजिक रूप से पिछड़ा हुआ है.
-रिपोर्ट के अध्ययन से यह भी पता चलता है कि मराठा समुदाय की सामाजिक, शैक्षणिक और आर्थिक दृष्टि से सबसे कम पहचान है.
-मराठा समाज की जनसंख्या राज्य की कुल जनसंख्या की 28 फीसदी है.
- कुल 52 फीसदी आरक्षण में कई बड़ी जातियां और वर्ग पहले से शामिल हैं, ऐसे में 28 फीसदी जनसंख्या वाले समाज को अन्य पिछड़ा वर्ग में रखना असमानता होगी. इसलिए इस समाज को अलग से आरक्षण देने की ज़रूरत है.
(For more news apart fromCM Eknath Shinde introduced Maratha reservation bill in Maharashtra AssemblyNews In Hindi, stay tuned to Rozana Spokesman)