उन्होंने कहा, ‘‘हम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं, जो देश में लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए आवश्यक है।
बेंगलुरु : कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि राज्य में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद से सोशल मीडिया पर ‘फेक न्यूज’ (फर्जी खबरें) की समस्या सीमा को पार कर गई है। सिद्धरमैया ने अधिकारियों को इसके स्रोत का पता लगाने, इसके पीछे के लोगों की पहचान करने और कानूनी कार्रवाई करने के सख्त निर्देश दिये। यह कदम 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले उठाया गया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सिद्धरमैया ने मंगलवार को राज्य के गृहमंत्री जी. परमेश्वर के साथ इस संबंध में विस्तृत चर्चा की। बयान में कहा गया है कि वर्ष 2013 में जब कांग्रेस सत्ता में आयी थी, तो फर्जी खबरों का खतरा बढ़ गया था। इसमें कहा गया है कि राजनीतिक विरोधी इस बार भी यही रणनीति अपना रहे हैं। बयान में कहा गया है कि जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव नजदीक आ रहा है, फर्जी खबरें फैलाने की कोशिश की जा रही है और समाज में अशांति उत्पन्न की जा रही है।
बयान में कहा गया है कि इसलिए, मुख्यमंत्री ने कहा कि फर्जी खबर के स्रोतों की शुरूआती चरण में पहचान की जानी चाहिए और उन्हें जड़ से खत्म करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाने चाहिए। सिद्धरमैया ने कहा, ‘‘पहले राजनीतिक विरोधियों ने बच्चा चोर, गोमांस ट्रांसपोर्टर आदि के बारे में झूठी खबरें फैलाकर समाज में अशांति उत्पन्न करने की कोशिश की। इस विधानसभा चुनाव में राज्य के लोगों ने भाजपा और संघ परिवार को स्पष्ट तरीके से खारिज कर दिया है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रहे हैं, जो देश में लोकतंत्र के अस्तित्व के लिए आवश्यक है। लेकिन अब, स्पष्ट संकेत हैं कि फर्जी समाचार और अफवाहों के माध्यम से भीड़ के हमले और दंगे भड़काने का प्रयास किया जाएगा। इसलिए, इस संबंध में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।’’ बयान में कहा गया है कि पहले, बेंगलुरु सिटी पुलिस कमिश्नरेट और पुलिस मुख्यालय में एक तकनीकी टीम को फर्जी समाचारों का पता लगाने, तथ्य की जांच करने, चेतावनी देने और जनता के बीच जागरूकता उत्पन्न करने का काम सौंपा गया था। बयान में कहा गया है, हालांकि, भाजपा सरकार ने सत्ता में आने के बाद तथ्यों की जांच करनी बंद कर दी। मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने कहा कि तथ्य की जांच फिर से शुरू होनी चाहिए, फर्जी खबरों के स्रोत का पता लगाने के लिए साइबर पुलिस चौबीस घंटे काम करे। साथ ही उन्होंने संबंधित अधिकारियों को हर महीने इस संबंध में एक रिपोर्ट देने का भी निर्देश दिया।