वह केवल आक्रोश जताने के बजाय कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि वह बंगाल की गृह मंत्री भी हैं।’’
New Delhi: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने शनिवार को आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल में कुछ दिन पहले दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र कर यातना दी गई और पुलिस ‘‘मूकदर्शक’’ बनी रही।
भाजपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग के प्रमुख और प्रदेश सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि घटना को 19 जुलाई को मालदा जिले में उस भीड़ ने अंजाम दिया जो ‘‘उनके (महिला के) खून की प्यासी’’ थी।
उन्होंने कथित अपराध की धुंधली तस्वीरों के साथ एक वीडियो भी साझा किया। मालवीय ने मणिपुर की घटना पर मुखर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘यह एक ऐसी त्रासदी थी जिससे ममता बनर्जी का दिल ‘टूट’ जाना चाहिए था और वह केवल आक्रोश जताने के बजाय कार्रवाई कर सकती थीं, क्योंकि वह बंगाल की गृह मंत्री भी हैं।’’
विपक्षी दल जातीय हिंसा से प्रभावित मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाने की घटना को लेकर भाजपा पर निशाना साध रहे हैं, जहां वह सत्ता में है। वहीं, भाजपा, कांग्रेस और ममता बनर्जी के नेतृत्व वाली तृणमूल कांग्रेस जैसे विपक्षी दलों के शासन वाले राज्यों में महिलाओं के खिलाफ अत्याचार के इसी तरह के मामलों को उजागर कर रही है।
मालवीय ने बनर्जी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि उन्होंने (ममता ने) मामले में कुछ नहीं करने का फैसला किया। उन्होंने कहा, ‘‘न तो उन्होंने बर्बरता की निंदा की और न ही दर्द एवं पीड़ा व्यक्त की क्योंकि इससे एक मुख्यमंत्री के रूप में उनकी खुद की विफलता उजागर होती।’’
मणिपुर की घटना पर बनर्जी की टिप्पणी पर पलटवार करते हुए मालवीय ने कहा कि लेकिन एक दिन बाद राजनीतिक लाभ लेने के लिए उन्होंने शोर मचाना शुरू कर दिया।
चार मई को मणिपुर में हुई घटना का वीडियो हाल में सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था जिसमें विरोधी गुट के पुरुषों का एक समूह दो महिलाओं को निर्वस्त्र कर घुमाता नजर आता है।
मालवीय ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में भय का महौल जारी है। मालदा जिले के बमनगोला थाना क्षेत्र के पकुआ हाट इलाके में दो आदिवासी महिलाओं को निर्वस्त्र किया गया, बेरहमी से उन्हें यातना दी गई और पिटाई की गई तथा पुलिस मूकदर्शक बनी रही।’’.