जानकारी के मुताबिक कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों की जांच में इन दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं।
Jammu and Kashmir News In Hindi: जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने शुक्रवार को उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के दो सरकारी कर्मचारियों को राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक गतिविधियों के लिए बर्खास्त करने का आदेश दिया। ये कर्मचारी करनाह में तैनात शिक्षक खुर्शीद अहमद राथर और केरन स्थित भेड़पालन विभाग में सहायक पशुपालक सियाद अहमद खान हैं।
जानकारी के मुताबिक उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जिन दो कर्मचारियों को बर्खास्त किया है। उनका नाम खुर्शीद अहमद राठेर करनाह में एक शिक्षक और सियाद अहमद खान केरन में भेड़ पालन विभाग में सहायक स्टॉकमेन का काम करता था।
कार्रवाई का बड़ा है कारण
मामले में मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों की जांच में इन दोनों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिले हैं। इन पर पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के लिए काम करने का आरोप है।खुर्शीद अहमद राठेर को जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया गया था। वह लश्कर-ए-तैयबा के ओवर ग्राउंड वर्कर (OGW) के रूप में काम कर रहा था और नियंत्रण रेखा (LoC) के माध्यम से पाकिस्तान से हथियारों, गोला-बारूद और नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल था। सियाद अहमद खान को भी जनवरी 2024 में गिरफ्तार किया गया था, जब वह कुपवाड़ा के केरन में हथियारों की तस्करी कर रहा था। पुलिस ने उसके पास से एक एके-47 राइफल भी बरामद की थी।
वहीं दोनों कर्मचारी पिछले साल जनवरी से जेल में बंद हैं। प्रशासन ने भारतीय संविधान के अनुच्छेद 311(2)(c) के तहत यह कार्रवाई की है, जो राज्य की सुरक्षा के हित में किसी भी जांच के बिना किसी कर्मचारी को बर्खास्त करने की अनुमति देता है। यह कदम सरकारी संस्थानों के भीतर आतंकवाद के नेटवर्क को खत्म करने की सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' नीति का हिस्सा है।
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