छात्रों को सप्ताह में कम से कम तीन आंतरिक परीक्षाएं देनी होती हैं और हर महीने के आखिरी रविवार को एक बड़ी परीक्षा होती है।
कोटा (राजस्थान) : कोटा में इस महीने तीन छात्रों के कथित रूप से पढ़ाई के दबाव में आत्महत्या करने के बाद से यहां जेईई ओर नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के बीच सप्ताह में पांच दिन कक्षाएं चलाने, सप्ताहांत में छुट्टी रखने तथा एक सप्ताह में दो से अधिक आंतरिक मूल्यांकन परीक्षा नहीं करने की मांग उठने लगी है।
कोटा में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों को सोमवार से शनिवार तक सात या आठ घंटे तक लगातार कक्षाएं करनी होती हैं जिनमें छोटा सा ही अंतराल होता है। इसके अलावा कई बार रविवार को मुश्किल सवाल पूछने के लिए सत्र होते हैं। छात्रों को सप्ताह में कम से कम तीन आंतरिक परीक्षाएं देनी होती हैं और हर महीने के आखिरी रविवार को एक बड़ी परीक्षा होती है।
तेज रफ्तार से चल रहे पाठ्यक्रम को कई बार बोझिल महसूस करने वाले छात्रों का कहना है कि वे हमेशा पिछड़ जाते हैं और एक दिन की छुट्टी भी उन्हें हजारों दूसरे बच्चों से पीछे कर सकती है।
बहरहाल, छात्रों की खुदकुशी के हाल में आये मामलों ने पढ़ाई के कार्यक्रम को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने की मांग तेज कर दी है।
नीट परीक्षा की तैयारी करने महाराष्ट्र से आई वर्षा के अनुसार, ‘‘अधिकतर छात्र पहली बार अपने परिवार से दूर आकर यहां रहना शुरू करते हैं। इस तरह की स्थिति में केवल रविवार को एक दिन की छुट्टी काफी नहीं है। कई बार तो यह भी समझने का समय नहीं मिलता कि पूरे सप्ताह में क्या पढ़ाया गया।’’
हरियाणा के झज्जर से आये निशांत यादव का मानना है कि सप्ताह में कम से कम दो दिन की छुट्टी होनी चाहिए जिससे उन्हें थोड़ी राहत मिले और वे पाठ्यक्रम के साथ रफ्तार बनाकर रह सकें। राजस्थान सरकार ने 2015 में कोचिंग संस्थानों के लिए दिशानिर्देश बनाये थे जिनके तहत उन्हें माहौल को तनाव-मुक्त रखने को कहा गया। उन्हें केंद्र में रचनात्मक गतिविधियों के अवसर प्रदान करने और सप्ताह में कम से कम एक दिन का अवकाश देने को कहा गया।
सरकार ने संस्थानों से यह भी कहा था कि एक कक्षा में 200 के बजाय अधिकतम 80 छात्र हों।
पिछले दिनों तीन विद्यार्थियों के आत्महत्या करने के बाद जिला प्रशासन ने नये सिरे से दिशानिर्देश जारी किये हैं ताकि छात्रों के लिए माहौल तनाव-मुक्त रहे और उन्हें कम से कम एक छुट्टी सप्ताह में मिले। हालांकि छात्र इसे नाकाफी बताते हैं।