उच्चतम न्यायालय के आदेश के पैरा सात का उल्लेख करते हुए शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘‘कानून की महिमा बनी रहनी चाहिए।
गुवाहाटी ; असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कथित रूप से ‘अशोभनीय भाषा’ का इस्तेमाल करने को लेकर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा के खिलाफ दर्ज मामले को राज्य पुलिस उसके तार्किक अंजाम तक लेकर जाएगी। गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे मुख्यमंत्री शर्मा ने हालांकि यह नहीं बताया कि मामले को तार्किक अंजाम तक ले जाने के लिए असम पुलिस का अगला कदम क्या होगा।
मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया है, ‘‘हम आशा करते हैं कि सार्वजनिक स्थानों की पवित्रता को ध्यान में रखते हुए भविष्य में राजनीतिक चर्चा में कोई असभ्य भाषा का इस्तेमाल नहीं करेगा। असम पुलिस इस मामले को तार्किक अंजाम तक लेकर जाएगी।’’ प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ कथित टिप्पणी को लेकर असम के दिमा हसाओ जिले के हाफलोंग थाने में खेड़ा के खिलाफ एक मामला दर्ज किया गया है।
उच्चतम न्यायालय के आदेश के पैरा सात का उल्लेख करते हुए शर्मा ने अपने ट्वीट में कहा है, ‘‘कानून की महिमा बनी रहनी चाहिए। आरोपी ने बिना शर्त माफी मांग ली है (पैरा 7)।’’
शर्मा ने अपने ट्वीट में उच्चतम न्यायालय के आदेश के जिस सातवें पैराग्राफ का उल्लेख किया है, उसमें कहा गया है, ‘‘... याचिकाकर्ता (खेड़ा) उसके खिलाफ दर्ज प्राथमिकियों को रद्द करने का अनुरोध नहीं करेगा, क्योंकि उसे उचित उच्च न्यायालय के समक्ष कानूनी तौर पर उपलब्ध सभी उपचारों का उपयोग करने की सलाह दी गई है।’’
गौरतलब है कि खेड़ा को नई दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर दिल्ली-रायपुर की उड़ान से बृहस्पतिवार को उतार कर असम पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। प्रधानमंत्री के खिलाफ कथित रूप से अशोभनीय टिप्पणी करने के मामले में उनके खिलाफ कार्रवाई हुई। वह कांग्रेस के महाधिवेशन में भाग लेने रायपुर जा रहे थे।
खेड़ा के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं... 153 बी (आरोप लगाना, राष्ट्र हित के लिए हानिकारक दावे करना), 500 (मानहानि के लिए सजा) और 504 (शांति भंग करने के लक्ष्य से जानबूझकर किसी को भड़काना) में मामला दर्ज किया गया है।
खेड़ा के खिलाफ ऐसे ही आरोपों में लखनऊ और वाराणसी में भी मामले दर्ज किए गए हैं। हालांकि, खेड़ा को उच्चतम न्यायालय से अंतरिम जमानत मिलने के बाद बृहस्पतिवार को छोड़ दिया गया था।