सत्तारूढ़ भाजपा विधायकों ने विपक्षी दलों के विधायकों का विरोध किया। उनमें से एक रूपज्योति कुर्मी ने विपक्षी दलों के खिलाफ कुछ ऐसे आरोप लगाए जिसे...
गुवाहाटी : असम में कथित मुठभेड़ों को लेकर विधानसभा में गरमागरम बहस के बाद सदन की कार्यवाही शनिवार को एक घंटे के लिए स्थगित कर दी गई। संसदीय मामलों के मंत्री पीयूष हजारिका ने मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा की ओर से जवाब देते हुए दावा किया कि राज्य में कोई ‘‘मुठभेड़’’ नहीं हुई है, लेकिन भागने की कोशिश के दौरान पुलिस की गोलीबारी में संदिग्ध अपराधी या तो मारे गए या घायल हो गए। गृह विभाग का प्रभारी शर्मा के पास ही है। निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने हालांकि दावा किया कि मंत्री का बयान गलत है। कांग्रेस विधायकों ने भी खड़े होकर हजारिका के बयान का विरोध किया।
सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायकों ने विपक्षी दलों के विधायकों का विरोध किया। उनमें से एक रूपज्योति कुर्मी ने विपक्षी दलों के खिलाफ कुछ ऐसे आरोप लगाए जिसे सदन की कार्यवाही से हटा दिया गया।
एआईयूडीएफ सहित सभी विपक्षी दलों ने कुर्मी के आरोप पर नाराजगी जताई। दोनों पक्षों के बीच तीखी बहस हुई, विधानसभा अध्यक्ष बिस्वजीत दैमारी ने सदस्यों को शांत करने की कोशिश की।
गोगोई ने विधानसभा अध्यक्ष को संबोधित करते हुए सवाल किया कि क्या वह यह नहीं देख पा रहे हैं कि ‘‘सत्तारूढ़ विधायक क्या कर रहे हैं’’। दैमारी ने निर्दलीय विधायक के आरोप पर नाराजगी जताते हुए कहा, ‘‘आप इस तरह अध्यक्ष से बात नहीं कर सकते।’’
उन्होंने सदस्यों से शांत रहने का भी आग्रह किया और कहा, ‘‘सदन बहस के लिए है, झगड़े के लिए नहीं।’’ सत्ता पक्ष और विपक्षी दलों के सदस्यों के बीच आरोप-प्रत्यारोप जारी रहने पर अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही एक घंटे के लिए स्थगित कर दी।