PM और VVIP के लिए सड़कें, फुटपाथ एक दिन में खाली कराए जा सकते हैं, फिर ये सबके लिए क्यों नहीं? बॉम्बे HC ने लगाई फटकार

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PM और VVIP के लिए सड़कें, फुटपाथ एक दिन में खाली कराए जा सकते हैं, फिर ये सबके लिए क्यों नहीं? बॉम्बे HC ने लगाई फटकार
Published : Jun 25, 2024, 11:38 am IST
Updated : Jun 26, 2024, 3:45 pm IST
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Bombay high court News in hindi
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कोर्ट ने कहा, ''जब प्रधानमंत्री या कोई वीवीआईपी जब वे पहुंचते हैं, तो सड़कें और फुटपाथ तुरंत साफ कर दिए जाते हैं

Bombay High Court News: बॉम्बे हाई कोर्ट ने सोमवार को कहा कि जब प्रधानमंत्री और अन्य वीवीआईपी लोगों के लिए एक दिन के लिए सड़कें और फुटपाथ खाली किए जा सकते हैं, तो सभी के लिए रोजाना ऐसा क्यों नहीं किया जा सकता। 

न्यायमूर्ति एम.एस. न्यायमूर्ति सोनक और न्यायमूर्ति कमल खता की खंडपीठ ने कहा कि स्वच्छ फुटपाथ और सुरक्षित चलने की जगह हर व्यक्ति का मौलिक अधिकार है और उन्हें प्रदान करना राज्य अधिकारियों का कर्तव्य है। 

पीठ ने कहा कि राज्य सरकार के सिर्फ से सोचन से नहीं चल पाएगा कि शहर में फुटपाथों पर अनाधिकृत फेरीवालों की समस्या को हल करने के लिए क्या किया जाए। उन्हें (राज्य सरकार को) अब इस दिशा में कुछ सख्त कदम उठाने होंगे. हाईकोर्ट ने पिछले साल शहर में अनाधिकृत फेरीवालों और रेहड़ी वालों के मुद्दे पर संज्ञान लिया था। 

पीठ ने सोमवार को कहा कि वह जानती है कि समस्या बहुत बड़ी है लेकिन राज्य और नगर निकाय समेत अन्य प्राधिकारी इसे नजरअंदाज नहीं कर सकते। पीठ ने इस मुद्दे पर कड़ी कार्रवाई की मांग की. 

कोर्ट ने कहा, ''जब प्रधानमंत्री या कोई वीवीआईपी जब वे पहुंचते हैं, तो सड़कें और फुटपाथ तुरंत साफ कर दिए जाते हैं और जब तक वे यहां रहते हैं, तब तक ऐसा ही रहता है। तो यह कैसे होता है, यह सभी के लिए क्यों नहीं किया जा सकता, नागरिकों को चलने के लिए स्वच्छ फुटपाथ और सुरक्षित स्थान की आवश्यकता है।"

कोर्ट ने कहा कि पैदल यात्रियों के लिए फुटपाथ और सुरक्षित स्थान उनका मौलिक अधिकार हैं. हम अपने बच्चों को फुटपाथ पर चलने के लिए कहते हैं लेकिन अगर चलने के लिए फुटपाथ ही नहीं होंगे तो हम अपने बच्चों से क्या कहेंगे?'' पीठ ने कहा, ''वर्षों से अधिकारी कह रहे हैं कि वे इस मुद्दे पर काम कर रहे हैं।''

कोर्ट ने कहा, ''प्रांतीय सरकार को कुछ सख्त कार्रवाई करने की जरूरत है. ऐसा नहीं हो सकता कि अधिकारी सिर्फ यही सोचें कि क्या करना है. ऐसा प्रतीत होता है कि इच्छाशक्ति की कमी है क्योंकि जहां इच्छा है, वहां हमेशा कोई न कोई रास्ता होता है।”

बृहन्मुंबई नगर निगम (BMC) की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस.यू. कामदार ने कहा कि समय-समय पर ऐसे रेहड़ीवालों और फेरीवालों  के खिलाफ कार्रवाई की जाती है लेकिन वे फिर आ जाते हैं। उन्होंने कहा कि बीएमसी भूमिगत बाजार विकल्प पर भी विचार किया जा रहा है। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई 22 जुलाई को तय की है.

(For More News Apart from Bombay high court News in hindi, Stay Tuned To Rozana Spokesman)

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