पवार ने कहा कि राकांपा नेता घटनास्थल का दौरा करेंगे और स्थानीय लोगों से बात करेंगे।
मुंबई : राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष शरद पवार ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र सरकार को तटीय रत्नागिरी जिले में रिफाइनरी परियोजना का विरोध कर रहे स्थानीय ग्रामीणों से बात करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर इसके बाद भी मुद्दा नहीं सुलझता है तो वैकल्पिक स्थान का पता लगाया जाना चाहिए। इस मुद्दे पर चर्चा के लिए राज्य के उद्योग मंत्री उदय सामंत के उनसे मुलाकात करने के बाद पवार ने पत्रकारों से बात की।
मुंबई से करीब 400 किलोमीटर दूर रत्नागिरी जिले की राजापुर तहसील में बारसू गांव के निवासी परियोजना का विरोध कर रहे हैं और महा विकास आघाड़ी (एमवीए) गठबंधन में राकांपा की सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) तथा कांग्रेस उनका समर्थन कर रही हैं। पवार ने कहा कि उनकी पार्टी ने कोंकण में विकास परियोजनाओं का विरोध नहीं किया लेकिन स्थानीय लोगों के विचार जानना बेहद जरूरी है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘सरकार को यह पता लगाने की जरूरत है कि स्थानीय लोग नाराज क्यों हैं... उनसे बातचीत करना ही एकमात्र समाधान है। यदि बातचीत के माध्यम से मामला हल नहीं होता है, तो एक वैकल्पिक स्थान ढूंढना चाहिए।’’
राज्य सरकार ने तर्क दिया है कि उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने मूल स्थल नाणार के बजाय बारसू को विकल्प के रूप में सुझाया था। इस पर पवार ने कहा कि उन्हें इसकी जानकारी नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझसे मिलने वाले उद्योग मंत्री उदय सामंत ने आश्वासन दिया कि कल बातचीत होगी। कल परियोजना स्थल पर केवल मिट्टी की जांच की जा रही थी।’’
पवार ने कहा कि राकांपा नेता घटनास्थल का दौरा करेंगे और स्थानीय लोगों से बात करेंगे। रत्नागिरी जिले के संरक्षक मंत्री सामंत ने संवाददाताओं से कहा कि परियोजना स्थल पर हिरासत में ली गईं महिला प्रदर्शनकारियों को रिहा कर दिया गया है।
उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ग्रामीणों से बात करेगी।’’ इस बीच पवार ने संवाददाताओं से कहा कि वह शिरोमणि अकाली दल के नेता प्रकाश सिंह बादल के अंतिम संस्कार के लिए बृहस्पतिवार को पंजाब जाएंगे।
एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें उद्धव ठाकरे के ऐसे किसी प्रस्ताव की जानकारी नहीं है कि अगर एमवीए अगला विधानसभा चुनाव जीतती है तो राकांपा नेता को मुख्यमंत्री बनना चाहिए।
राकांपा सुप्रीमो ने कहा, ‘‘अगर संजय राउत यह कह रहे हैं, तो वह एक पत्रकार हैं... मीडिया हमसे ज्यादा जानता है। मैं नहीं जानता।’’कुछ जगहों पर अपने भतीजे अजित पवार को भविष्य का मुख्यमंत्री बताने वाले पोस्टर लगने के संबंध में पवार ने कहा कि अजित पवार ने खुद अपने समर्थकों से कहा था कि वे ऐसा न करें।
वहीं, शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने बुधवार को स्वीकार किया कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ठाकरे ने रिफाइनरी परियोजना के लिए रत्नागिरी जिले के बारसू में एक वैकल्पिक स्थान का सुझाव दिया था। हालांकि, अगर स्थानीय लोग इसका विरोध करते हैं तो उनकी पार्टी वहां के लोगों का समर्थन करेगी।
राउत ने पत्रकारों से बातचीत में उद्योग मंत्री उदय सामंत पर निशाना साधते हुए कहा कि ठाकरे द्वारा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को लिखे पत्र, जिसमें उन्होंने वैकल्पिक स्थान के तौर पर बारसू का नाम सुझाया था, को ‘‘दिखाने’’ के बजाय उन्हें उस स्थान का दौरा करना चाहिए और प्रदर्शनकारियों से बात करनी चाहिए।.
उद्धव ठाकरे और उनके विधायक बेटे आदित्य ठाकरे पर तंज कसते हुए सामंत ने मंगलवार को आरोप लगाया था कि राजनीतिक लाभ लेने के लिए परियोजना को लेकर जानबूझकर ‘‘गलतफहमी’’ पैदा की जा रही है और उन्होंने ‘‘दोहरे मापदंड की राजनीति’’ की आलोचना की। आदित्य ठाकरे ने पूर्ववर्ती महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के नेतृत्व वाली सरकार (नवंबर 2019 से जून 2022 तक) में पर्यावरण विभाग संभाला था।.
राउत ने कहा, ‘‘नाणार (स्थान) को लेकर स्थानीय लोगों ने विरोध जताया और तब उन्होंने (ठाकरे ने) सुझाव दिया कि बारसू एक वैकल्पिक स्थान हो सकता है। यह गुल्म भूमि (श्रबलैंड) है और रिफाइनरी के लिए यह सही है। लेकिन स्थानीय लोग अगर इसका विरोध करते हैं तो शिवसेना (यूबीटी) परियोजना का समर्थन नहीं करेगी। यह हमारा राजनीतिक रुख है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने (ठाकरे ने) वैकल्पिक भूमि का सुझाव दिया था। उस वक्त (बारसू में) कोई विरोध नहीं हुआ होगा। लेकिन अब लोग इसका विरोध कर रहे हैं। अगर स्थानीय लोगों का विचार है कि वे मर जाएंगे लेकिन अपनी जमीन नहीं देंगे तो उस पत्र (मोदी को लिखे ठाकरे के पत्र) का कोई महत्व नहीं रह जाता है।’’ राउत ने सामंत से पूछा कि आखिर बड़ी-बड़ी परियोजनाएं महाराष्ट्र से क्यों चली गईं।
अधिकारियों ने कहा कि प्रस्तावित पेट्रोलियम रिफाइनरी के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान मंगलवार को रत्नागिरी पुलिस ने 111 लोगों को गिरफ्तार किया जिनमें अधिकतर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों में 100 से अधिक महिलाएं थीं, जो सरकारी वाहनों को रिफाइनरी के प्रस्तावित स्थल में प्रवेश करने से रोकने के लिए जमीन पर लेट गई थीं और मुंबई से लगभग 400 किलोमीटर दूर जिले के बारसू और सोलगांव इलाकों में एक मार्ग को अवरुद्ध करने का प्रयास किया।
शिवसेना (यूबीटी) ने भी विरोध के बीच बारसू में प्रस्तावित तेल रिफाइनरी के खिलाफ मंगलवार को आंदोलन शुरू करने का फैसला किया। स्थानीय निवासियों को आशंका है कि यह विशाल परियोजना तटीय कोंकण क्षेत्र की संवेदनशील जैव विविधता पर प्रतिकूल प्रभाव डालेगी और उनकी आजीविका को भी प्रभावित करेगी।