साल 2018 के चुनावों में, भाजपा को केवल हासन में जीत मिली थी; बाद में 2019 के उपचुनावों में पार्टी केआर पेट सीट जीतने में कामयाब रही थी।
बेंगलुरु : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) 2023 में कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी है और उसका विशेष ध्यान पुराने मैसूर क्षेत्र पर है, जहां पार्टी कमजोर स्थिति में मानी जाती है। ऐसे में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को मांड्या की यात्रा के साथ प्रचार मैदान में उतरेंगे।
गुरूवार की रात बेंगलुरु पहुंचे शाह 30 और 31 दिसंबर को पुराने मैसूर क्षेत्र के मांड्या और देवनहल्ली का दौरा करेंगे, जहां वह विभिन्न कार्यक्रमों और बैठकों में हिस्सा लेंगे।
आधिकारिक कार्यक्रमों के अलावा, शाह पार्टी की बैठकों में भी शामिल होंगे, जहां वह भाजपा की चुनावी तैयारियों की समीक्षा के साथ ही नेताओं व बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं के साथ रणनीति पर चर्चा करेंगे। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई, उनके कई कैबिनेट सहयोगियों और प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कतील ने बृहस्तपतिवार रात बेंगलुरु पहुंचने पर शाह का स्वागत किया।
शाह शुक्रवार को मांड्या जाएंगे, जहां वह एक विशाल डेयरी का उद्घाटन करेंगे और एक जनसभा को भी संबोधित करेंगे।.
पुराने मैसूर क्षेत्र में स्थित मांड्या वोक्कालिगा समुदाय बहुल जिला है, जिसे जद (एस) के गढ़ के रूप में देखा जाता है। कांग्रेस भी वहां मजबूत स्थिति में है, जबकि भाजपा अपनी पैठ बनाने की कोशिश कर रही है।. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि ने बुधवार को कहा था कि उनकी पार्टी कर्नाटक में 2023 के विधानसभा चुनावों के लिए पुराने मैसूरु क्षेत्र पर विशेष ध्यान देगी, क्योंकि पार्टी ने महसूस किया है कि इस क्षेत्र में लोगों का विश्वास जीते बिना उसे बहुमत नहीं मिल सकता।.
उन्होंने कहा कि भाजपा विकास और हिंदुत्व के एजेंडे के साथ वोक्कालिगा बहुल क्षेत्र में लोगों के बीच जाएगी, जहां उसे कमजोर माना जाता है। भाजपा उन निर्वाचन क्षेत्रों में अपनी पैठ जमाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, जहां वह मजबूत नहीं है, विशेष रूप से पुराने मैसूरु क्षेत्र में।
साल 2018 के चुनावों में, भाजपा को केवल हासन में जीत मिली थी; बाद में 2019 के उपचुनावों में पार्टी केआर पेट सीट जीतने में कामयाब रही थी। यह मांड्या जिले की किसी सीट पर भाजपा की पहली जीत थी। साथ ही उसे चिकबालापुर में भी जीत नसीब हुई थी।.