अबुल हसन ने अपना परिवार समझ उसका अंतिम संस्कार किया था वहीं अब उसका परिवार जिंदा लौट आया है.
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले की एक 'मृत' महिला और दो बेटियां एक साल बाद जीवित लौट आई हैं। हैरान करने वाली बात ये है कि एक साल पहले रायगढ़ में एक महिला और दो लड़कियों की लाशें मिली थीं, जिनका अबुल हसन ने अपनी पत्नी और बेटी समझकर अंतिम संस्कार कर दिया था. पूरा मामला पस्ता थाना क्षेत्र के बासेन का है.
8 अगस्त, 2023 को अपने पति से झगड़े के बाद राबिया (35) बिना बताए अपनी बेटियों सिजरा परवीन (6) और गुलस्ता परवीन (3) को लेकर चली गईं थी। जिसके बाद पुलिस को तीन लाशें मिली थी जिसे अबुल हसन ने अपना परिवार समझ उसका अंतिम संस्कार किया था वहीं अब उसका परिवार जिंदा लौट आया है तो पुलिस अब उन 3 शवों के बारे में सोच रही है जिनका अंतिम संस्कार किया गया था.
अबुल हसन ने बताया कि वह दर्जी का काम करता है। उन्होंने थाने में अपनी पत्नी और दो बेटियों के घर छोड़कर चले जाने की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. इसके बाद 14 अगस्त 2023 को रायगढ़ के खरसिया की पुलिस को नदी में एक महिला और 2 लड़कियों के शव मिले थे
इसके बाद खरसिया पुलिस ने आसपास के जिलों की पुलिस से संपर्क कर शव के बारे में जानकारी जुटाई. पता चला कि बलरामपुर जिले के थाने में एक महिला और दो लड़कियों की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज है. इसके बाद पुलिस ने महिला के पति अबुल हसन को फोटो दिखाकर शवों की पहचान की।
अबुल हसन के मुताबिक, उसने अपनी पत्नी और बेटियों को कद-काठी और रंग-रूप के आधार पर पहचाना था, लेकिन उसे शक था कि ये उसकी पत्नी और बेटियां नहीं हैं। शव इतने जल गए थे कि आसानी से उनकी पहचान करना संभव नहीं था. ऐसे में अबुल ने पुष्टि की कि तीनों शव उसकी पत्नी और बेटी के हैं.
अबुल हसन ने बताया कि पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद तीनों शव सौंपे तो अंतिम संस्कार कर दिया। इसके बाद वह घर लौट आया और अपने दो अन्य बच्चों के साथ रहने लगा। अब 4 महीने पहले महिला झारखंड स्थित अपने मायके पहुंची. एक माह पहले वह वहां से अपने पति के पास वापस आई।
महिला ने बताया कि वह अपने पति से झगड़े के बाद अंबिकापुर आ गई थी. कुछ दलाल उसे लड़कियों समेत ट्रेन से राजस्थान ले गए। जहां उन्हें बंधक बना लिया गया. उन्हें वहां काम करने के लिए पर्याप्त पैसे भी नहीं मिलते थे.
महिला ने बताया कि वह किसी तरह बच्चियों के साथ वहां से भागकर झारखंड पहुंच गयी. एक महीने पहले उसके माता-पिता उसे उसके पति के पास ले गए। अब वह पिछले एक महीने से अपने पति के साथ रह रही है। तीनों के घर लौटने पर परिवार में खुशी का माहौल है।
अबुल हसन की पत्नी और बेटियों की वापसी की खबर देहात में तेजी से फैल गई। लोगों के बीच चर्चा होने लगी कि उसकी पत्नी और बेटियों की मौत हो चुकी है तो ये लोग जिंदा कैसे हैं. ऐसी बात हर किसी की जुबान पर थी, हर कोई सवाल पूछने लगा. इसके बाद पति ने मामले की शिकायत थाने में की.
इसके बाद पुलिस और अबुल हसन ने रायगढ़ पुलिस को सूचना दी. रायगढ़ पुलिस ने कुसमी पहुंचकर उसकी पहचान की। रायगढ़ पुलिस के लिए परेशानी बढ़ गई है कि खरसिया में मिले महिला और युवतियों के शव किसके हैं। पुलिस मामले को सुलझाने में मशक्कत कर रही है.
रायगढ़ एएसपी आकाश मरकाम ने बताया कि एक साल पहले खरसिया में मिले शव की पहचान अबुल हसन ने की थी. अब उनकी पत्नी और दोनों बेटियां वापस आ गई हैं. इसकी जानकारी एक सप्ताह पहले मिली थी. इसकी जांच रायगढ़ पुलिस ने की है. खरसिया नदी में मिले शवों की पहचान के लिए अब एक बार फिर प्रयास किया जाएगा।
(For more news apart from Chhattisgarh News: 'Dead' wife and two daughters returned alive, a year ago husband had cremated bodies of all three, stay tuned to Rozana Spokesman hindi)