सीओपी-15, सात से 19 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसमें दुनियाभर के लगभग 20 हजार प्रतिनिधि जैवविविधता के संरक्षण एवं बहाली के लिए आठ साल की...
मॉन्ट्रियल, : संयुक्त राष्ट्र के जैवविविधता शिखर सम्मेलन (सीओपी15) के लिए भारत सहित 196 देशों के नेता और वार्ताकार कनाडा के मॉन्ट्रियल में इकट्ठे हुए हैं। दो हफ्ते तक चलने वाले इस सम्मेलन में 2030 तक प्रकृति को हुए नुकसान को रोकने और उसकी भरपाई करने के लिए एक ऐतिहासिक समझौते को अपनाए जाने की उम्मीद है।
सीओपी-15, सात से 19 दिसंबर तक आयोजित किया जाएगा। इसमें दुनियाभर के लगभग 20 हजार प्रतिनिधि जैवविविधता के संरक्षण एवं बहाली के लिए आठ साल की एक कार्ययोजना पर विचार-विमर्श करेंगे।
वे कन्वेंशन ऑन बायोलॉजिकल डायवर्सिटी (सीबीडी) के माध्यम से ऐसा करेंगे, जो जैव विविधता के संरक्षण एवं स्थायी उपयोग सहित अन्य संबंधित मुद्दों के लिए अपनाई गई अंतरराष्ट्रीय संधि है।
सीओपी-15 में जिन प्रमुख मुद्दों पर चर्चा होगी, उनमें 2030 तक दुनिया की 30 प्रतिशत भूमि एवं पानी को संरक्षित करना और आनुवंशिक संसाधनों के लाभों के उचित और न्यायसंगत बंटवारे को सुनिश्चित करना शामिल है।
सीओपी-15 के उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा, “प्रकृति खतरे में है; वास्तव में इस पर हमला हो रहा है। एक दुनिया के रूप में हम जो काम कर रहे हैं, वह पर्याप्त नहीं है। कनाडा प्रकृति की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।”
उन्होंने कहा कि कनाडा 2030 तक 30 प्रतिशत प्रकृति की रक्षा करने पर सहमत हो गया है। हालांकि, आदिवासी प्रदर्शनकारियों के गायन और ड्रम वादन से ट्रूडो का भाषण कुछ देर के लिए बाधित हो गया।
उद्घाटन समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने सरकारों से एकजुट होने और ‘प्रकृति के खिलाफ युद्ध’ रोकने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, “प्रकृति मानवता की सबसे अच्छी दोस्त है। प्रकृति के बिना हमारे पास कुछ भी नहीं है। प्रकृति के बिना हम कुछ भी नहीं हैं।”
गुतारेस ने बहुराष्ट्रीय निगमों पर निशाना साधते हुए कहा, “हमारी दुनिया से उसकी प्राकृतिक सौगातें छीनकर ये निगम अपने बैंक खाते भर रहे हैं और पारिस्थितिक तंत्र को ‘मुनाफे का खेल’ बना रहे हैं।” उन्होंने दुनिया की दौलत और ताकत चुनिंदा अमीर व्यक्तियों के हाथों में जाने की आलोचना की।
गुतारेस ने कहा कि यह प्रवृत्ति प्रकृति और बहुसंख्यकों के वास्तविक हितों के खिलाफ काम करती है। उन्होंने कहा, “अरबपतियों के बहकावे वाले सपनों के इतर कोई दूसरा ग्रह नहीं है।”
सीओपी-15 सम्मेलन के अध्यक्ष के रूप में कार्य करने वाले चीन के पारिस्थितिकी और पर्यावरण मंत्री हुआंग रनकिउ ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी के लिए कनाडा का आभार जताया। उन्होंने कहा, “यह एक ऐतिहासिक क्षण है। इस दिशा में तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है।”
जैव विविधता सम्मेलन हर दो साल में होता है। हालांकि, साल 2022 के शिखर सम्मेलन को बीते 10 वर्षों में सबसे बड़ा और अहम माना जा रहा है, क्योंकि इसमें एक नया वैश्विक जैव विविधता ढांचा अपनाया जाना लगभग तय है।