विदेशी नागरिकों के शव परिवार के सदस्यों या संबंधित राजनयिक मिशनों को सौंपे जाएंगे। दुर्घटना में मारे गए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के चार लोगों के शव...
काठमांडू : नेपाल में यति एयरलाइंस विमान हादसे में मारे गए एक और यात्री का शव मिलने के बाद मंगलवार को कुल मृतक संख्या बढ़ कर 70 हो गई है और अधिकारियों ने परिजनों को शवों को सौंपना शुरू कर दिया है।
यति एयरलाइंस का एटीआर-72 विमान रविवार को रिजार्ट शहर पोखरा के नवनिर्मित हवाई अड्डे पर उतरने के दौरान नदी तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें चालक दल के चार सदस्यों और पांच भारतीयों समेत 72 लोग सवार थे। इनमें से 70 लोगों की मौत की पुष्टि हो गई है और अन्य दो की तलाश जारी है।
नेपाल सेना के सूत्रों के मुताबिक, दो और लोग अभी भी लापता हैं और तलाशी अभियान जारी है।
सूत्रों ने बताया कि सोमवार रात पोखरा घाटी में सेती नदी की खाई में दुर्घटना स्थल से एक और शव बरामद होने के बाद मृतकों की कुल संख्या 70 हो गई है।
यति एयरलाइंस के विमान ने काठमांडू के त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से रविवार को सुबह 10 बजकर 33 मिनट पर उड़ान भरी थी और उतरने से कुछ मिनट पहले पोखरा में पुराने हवाईअड्डे और नए हवाईअड्डे के बीच सेती नदी के तट पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया।
विमान में 53 नेपाली यात्री और पांच भारतीयों सहित 15 विदेशी नागरिक और चालक दल के चार सदस्य सवार थे।
बताया जाता है कि सभी पांच भारतीय उत्तर प्रदेश के थे और उनकी पहचान अभिषेक कुशवाहा (25), विशाल शर्मा (22), अनिल कुमार राजभर (27), सोनू जायसवाल (35) और संजय जायसवाल के रूप में हुई है।
यति एयरलाइंस के प्रवक्ता सुदर्शन बरतौला के मुताबिक, 70 शवों में से 22 शवों को पोस्टमार्टम कराने के बाद परिजनों को सौंपा जा रहा है।. नेपाल सेना के सूत्रों के अनुसार, चालक दल के सदस्यों और विदेशी नागरिकों सहित शेष 48 शवों में से 25 को पहले ही नेपाल सेना के हेलीकॉप्टर से काठमांडू लाया जा चुका है और त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल भेजा गया है।
उन्होंने बताया कि अन्य 23 शवों को जल्द ही हेलीकॉप्टर से काठमांडू ला कर त्रिभुवन विश्वविद्यालय शिक्षण अस्पताल भेजा जाएगा।
विदेशी नागरिकों के शव परिवार के सदस्यों या संबंधित राजनयिक मिशनों को सौंपे जाएंगे। दुर्घटना में मारे गए उत्तर प्रदेश के गाजीपुर के चार लोगों के शव लेने के लिए उनके परिवार के सदस्य काठमांडू पहुंच गए हैं।
विमान के कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर और फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर दोनों को बरामद कर लिया गया है। कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर (सीवीआर) कॉकपिट में रेडियो प्रसारण और अन्य ध्वनियां, जैसे पायलटों के बीच बातचीत, और इंजन का शोर आदि रिकॉर्ड करता है। फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर (एफडीआर) 80 से अधिक विभिन्न प्रकार की जानकारी जैसे गति, ऊंचाई और दिशा, साथ ही पायलट की गतिविधियों और महत्वपूर्ण प्रणालियों के प्रदर्शन को रिकॉर्ड करता है।
सीवीआर और एफडीआर दोनों को नेपाल के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण (सीएएएन) को सौंप दिया गया। इनसे रविवार की दुर्घटना के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल सकता है।
रेडियो फ्रांस इंटरनेशनेल की खबर में कहा गया है कि फ्रांस की दुर्घटना जांच एजेंसी के विशेषज्ञ नेपाल में हुए विमान हादसे की जांच में अधिकारियों की मदद करने के लिए मंगलवार को नेपाल पहुंचेंगे।.
जो विमान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है उसका निर्माण फ्रांस स्थित विमान निर्माता एटीआर ने किया था।.
‘एविएशन सेफ्टी नेटवर्क’ के आंकड़ों के मुताबिक, रविवार की दुर्घटना नेपाल के इतिहास में तीसरी सबसे भीषण दुर्घटना थी। जुलाई और सितंबर 1992 में हुई दुर्घटनाओं में इससे भी ज्यादा लोग मारे गए थे। उन दुर्घटनाओं में थाई एयरवेज और पाकिस्तान इंटरनेशनल एयरलाइंस के विमान शामिल थे और क्रमशः 113 और 167 लोग मारे गए थे।.
देश में पिछली बड़ी विमान दुर्घटना पिछले साल 29 मई को हुई थी, जब तारा एअर का एक विमान पर्वतीय मुस्तांग जिले में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें एक भारतीय परिवार के चार सदस्यों समेत इसमें सवार सभी 22 लोगों की मौत हो गई थी।.
वर्ष 2016 में, इसी एयरलाइन का एक विमान इसी मार्ग पर उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें सवार सभी 23 लोगों की मौत हो गई थी। मार्च 2018 में, त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर विमान दुर्घटना में 51 लोगों की मौत हुई थी।.
सितंबर 2012 में त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग करते समय सीता एयर का एक विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें 19 लोगों की मौत हो गई थी। भाषा.