‘हमारा भविष्य, हमारी आवाज’: COP15 से क्या चाहता है भारत का युवा

खबरे |

खबरे |

‘हमारा भविष्य, हमारी आवाज’: COP15 से क्या चाहता है भारत का युवा
Published : Dec 17, 2022, 7:00 pm IST
Updated : Dec 17, 2022, 7:00 pm IST
SHARE ARTICLE
'Our Future, Our Voice': What India's Youth Wants From COP15
'Our Future, Our Voice': What India's Youth Wants From COP15

पिछले साल प्रकाशित एक यूनेस्को “2030 में विश्व” सर्वेक्षण रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान पर युवाओं की चिंताओं पर प्रकाश डाला।

मॉन्ट्रियल : जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता को हुए नुकसान से उबारने के लिये वैश्विक नेता क्या कदम उठाते हैं इससे पृथ्वी और युवाओं के भविष्य का सीधा संबंध है, इसके बावजूद निर्णय लेने की प्रक्रिया में उनकी आवाज को समुचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल पाता। संयुक्त राष्ट्र जैवविविधता सम्मेलन (सीओपी15) के तहत यहां 196 देशों ने 2020 के बाद का वैश्विक जैवविविधता कार्यढांचा (जीबीएफ) तैयार किया था। यह प्रक्रिया मिस्र के शर्म अल-शेख में चार साल पहले जैव विविधता सम्मेलन में शुरू हुई थी।

इस पहल में जैव विविधता के नुकसान की भरपाई के लिए लक्ष्यों को निर्धारित करने में युवाओं, महिलाओं और लैंगिक अल्पसंख्यकों को शामिल करने और और इसे कैसे कार्यान्वित किया जाएगा, इसे लगातार मांग हो रही है।.

सीबीडी के पोस्ट-2020 ओपन एंडेड वर्किंग ग्रुप के सह अध्यक्ष बेसिल वैन हार्वे ने यहां कहा कि जैव विविधता प्रक्रिया सम्मेलन में विभिन्न पक्षों ने महिला दबाव समूह, जैव विविधता पर अंतरराष्ट्रीय स्वदेशी मंच और वैश्विक युवा जैव विविधता नेटवर्क (जीवाईबीएन) के साथ परामर्श किया है।

पिछले साल प्रकाशित एक यूनेस्को “2030 में विश्व” सर्वेक्षण रिपोर्ट ने जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान पर युवाओं की चिंताओं पर प्रकाश डाला।

रिपोर्ट से पता चलता है कि जलवायु परिवर्तन और जैव विविधता के नुकसान को सबसे ज्यादा लोगों ने चुनौती माना। सर्वेक्षण में शामिल 15,000 उत्तरदाताओं में से 67 प्रतिशत ने इसे चुनौती माना। . युवा प्रतिनिधियों का मानना है कि जैव विविधता के सफलतापूर्वक संरक्षण, सीमांत समुदायों की जैव विविधता तक पहुंच को सुरक्षित करने और उस जैव विविधता के सतत उपयोग से लाभ पाने के उनके अधिकारों के लिए युवा दृष्टिकोण को अधिक तवज्जो दी जानी जरूरी है।

उनका मानना है कि एक समावेशी, अधिकार-आधारित दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए ठोस सार्वजनिक नीति प्रदान करने के लिहाज से महत्वपूर्ण है, क्योंकि भूमि और जल संसाधनों के संरक्षण तथा जैव विविधता के नुकसान को कम करने के लिए देश प्रतिबद्ध है। .

जीवाईबीएन का हिस्सा युवा प्रतिनिधि श्रुति कोट्टिल्लिल ने कहा, “प्रकृति और मानव के अधिकार प्रकृति संरक्षण का एक अभिन्न पहलू हैं, विशेष रूप से भारत में जहां हमारे समुदाय संरक्षित क्षेत्रों के करीब रहते हैं। इसलिए सीओपी15 में वैश्विक जैवविविधता कार्यढांचा (जीबीएफ) के उचित कार्यान्वयन के लिए संरक्षण के अधिकार-आधारित दृष्टिकोण के साथ-साथ मानव और प्रकृति अधिकारों के स्पष्ट संदर्भ महत्वपूर्ण हैं।”

इंडियन बायोडायवर्सिटी यूथ नेटवर्क की राष्ट्रीय समन्वयक और सीओपी15 में युवा प्रितिनिधि पाखी दास कहती हैं, “भारतीय युवा हमारी राष्ट्रीय जनसंख्या का लगभग 30 प्रतिशत हैं। यह हमारा भविष्य है जिस पर सीओपी15 में चर्चा की जा रही है।”

SHARE ARTICLE

ROZANASPOKESMAN

Advertisement

 

ਭਾਰਤ ਦੇ 60 ਕਰੋੜ Kisana ਲਈ ਨਵਾਂ ਫੁਰਮਾਨ, ਨੀਤੀ ਅਯੋਗ ਕਿਉਂ ਕੱਢਣਾ ਚਾਹੁੰਦੀ ਹੈ Kisana ਨੂੰ ਖੇਤੀ ਤੋਂ ਬਾਹਰ?

20 Dec 2024 5:46 PM

ਜੇ ਮੋਰਚਾ ਹਾਰ ਗਏ ਤਾਂ ਮੁੜ ਕੇ ਕਿਸੇ ਨੇ ਮੋਰਚਾ ਲਗਾਉਣ ਨਹੀ- Khanauri border ਤੋ ਗਰਜਿਆ Lakha Sidhana | Appeal

19 Dec 2024 5:31 PM

जगजीत सिंह दल्लेवाल की हालत बेहद गंभीर, मंच बंद

19 Dec 2024 5:30 PM

जगजीत सिंह डल्लेवाल के पक्ष में खनौरी बॉर्डर पहुंचे मूसेवाला के पिता

19 Dec 2024 5:28 PM

ਧਾਮੀ 'ਤੇ ਕੀ ਹੋਵੇਗਾ ਸਖ਼ਤ ਐਕਸ਼ਨ, ਬੀਬੀ ਦੀ ਕਾਰਵਾਈ ਦੀ ਮੰਗ ਤੋਂ ਬਾਅਦ Raj Lali Gill ਦਾ Exclusive Interview

18 Dec 2024 5:42 PM

18 ਸਾਲ ਪੁਰਾਣੇ ਘਰੇਲੂ ਝਗੜੇ ਬਾਰੇ Jathedar ਦੇ ਵੱਡੇ ਖ਼ੁਲਾਸੇ - Bathinda Jathedar Harpreet Singh|Viral Video

18 Dec 2024 5:39 PM