
बोइंग चीन को अपने सबसे बड़े विकासशील बाजार के रूप में देखता है।
China will not buy Boeing planes from America Latest News In Hindi: टैरिफ को लेकर दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच ट्रेड वार और तेज हो गया है। ना तो अमेरिका झुकने को तैयार है और ना ही चीन अपने कदम पीछे खींच रहा है। दुर्लभ खनिजों पर प्रतिबंध लगाने के एक दिन बाद चीन ने अपनी विमानन कंपनियों से कहा है कि अमेरिकी बोइंग विमान की आपूर्ति लेना बंद कर दें। इस घोषणा के बाद बोइंग के शेयरों में दो प्रतिशत की कमी देखने को मिली।
दरअसल, बोइंग चीन को अपने सबसे बड़े विकासशील बाजार के रूप में देखता है। हालांकि, चीन में बोइंग के प्रतिस्पर्धी एयरबस का दबदबा है। 2025 से लेकर 2027 तक चीन की तीन दिग्गज विमानन कंपनियों में एयर चाइना को 45, चाइना इस्टर्न एयरलाइंस को 53 और चाइना सदर्न एयरलाइंस को 81 बोइंग विमानों की आपूर्ति लेनी है। चीन ने इन्हें आपूर्ति लेने से मना करने के साथ ही अमेरिकी कंपनियों से विमान संबंधी उपकरणों और कलपुर्जों की खरीद पर भी रोक लगाने के लिए कहा है। हालांकि, इस कदम से चीन में उड़ने वाले विमानों के रखरखाव की कीमतों के बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
चीन सरकार बोइंग जेट को किराये पर लेने के साथ ज्यादा कीमत चुकाने वाली कंपनियों को किसी तरह की सहायता देने पर भी विचार कर रही है।
चीन ने रोका दुर्लभ खनिजों का निर्यात
न्यूयार्क टाइम्स के अनुसार, सोमवार को चीन ने कई प्रकार के दुर्लभखनिजों और चुंबक का निर्यात रोकने के साथ दिया था। सरकार के आदेश के बाद कारों से लेकर ड्रोन, रोबोट और मिसाइलों की असेंबलिंग के लिए जरूरी चुंबकों के निर्यात वाले जहाजों को चीनी बंदरगाहों पर ही रोक दिया गया है। इससे दुनिया भर में आटोमोबाइल, एयरोस्पेस, सेमीकंडक्टर से जुड़े निर्माताओं के साथ सैन्य ठेकेदारों के लिए जरूरी कलपुर्जी की आपूर्ति ठप होने का खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, चीन सरकार ने एक नई विनियामक प्रणाली का मसौदा तैयार किया है। इस मसौदे के लागू होते ही नई प्रणाली अमेरिकी सैन्य ठेकेदारों समेत चुनिंदा कंपनियों तक इन दुर्लभ चीजों की आपूर्ति को पूरी तरह रोक देगी। दुर्लभ भू चुंबकों के साथ ये खनिज पदार्थ केवल चीन में ही परिष्कृत किए जाते हैं और इनमें से 90 प्रतिशत का उत्पादन चीन में ही होता है। अब धातुओं के साथ इनसे बनने वाले विशेष चुंबकों को विशेष निर्यात लाइसेंस द्वारा ही चीन से बाहर भेजा जा सकता है। वहीं, ट्रंप के प्रमुख आर्थिक सलाहाकार केविन हैजेट ने कहा, "चीन का यह कदम चिंताजनक है। दुर्लभ खनिजों की सीमाओं का बेहद सावधानीपूर्वक अध्ययन किया जा रहा है। ये चिंताजनक हैं। हम इसके सभी विकल्पों के बारे में विचार कर रहे हैं।"
चीन का अमेरिका पर एडवांस साइबर हमले का आरोप
चीन ने अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) पर फरवरी में एशियाई शीतकालीन खेलों के दौरान आवश्यक उद्योगों को निशाना बनाकर एडवांस साइबर हमले करने का आरोप लगाया है। सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ की मंगलवार की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की पुलिस ने जांच के बाद तीन कथित एनएसए एजेंटों को वांछित सूची में शामिल किया है तथा कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय और वर्जीनिया टेक पर भी हमलों में शामिल होने का आरोप लगाया है। शिन्हुआ ने एनएसए एजेंटों की पहचान कैथरीन ए विल्सन, राबर्ट जे स्नेलिंग और स्टीफन डब्ल्यू जानसन के रूप में की है। तीनों को चीन के महत्वपूर्ण सूचना तंत्र पर बार-बार साइबर हमले करने और हुआवेई और अन्य उद्यमों पर साइबर हमलों में भाग लेने का दोषी पाया गया है.
(For More News Apart From China will not buy Boeing planes from America Latest News In Hindi, Stay Tuned To Spokesman Hindi)