न्यायाधीश ने जेआईटी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का भी निर्देश दिया।
लाहौर: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत की एक आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तीन मामलों में मिली अंतरिम ज़मानत को मंगलवार को 13 अप्रैल तक के लिए बढ़ा दिया। यह मामले पिछले महीने लाहौर में उनके आवास के बाहर उनके समर्थकों और पुलिस के बीच झड़प को लेकर दर्ज किए गए थे।
‘डॉन’ अखबार की खबर के मुताबिक, खान निजी क्षमता से अदालत में पेश हुए, जिसके बाद एटीसी न्यायाधीश ए. गुल खान ने आदेश जारी करते हुए 70 वर्षीय खान की जमानत अवधि बढ़ा दी।
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) ने ट्विटर पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें पार्टी प्रमुख खान सिर से गर्दन का तक सुरक्षा कवच पहने नज़र रहे हैं, जबकि उनके सुरक्षा कर्मियों ने सुरक्षा ढाल से उन्हें घेरा हुआ है। पिछली सुनवाई में, पीठासीन न्यायाधीश एजाज़ अहमद बुट्टर ने पीटीआई प्रमुख को निर्देश दिया था कि वह बाद की सुनवाइयों में अपनी पेशी को सुनिश्चित करें और मामलों की पुलिस जांच में भी शामिल हों।
पुलिस ने खान और पीटीआई के अन्य नेताओं के खिलाफ जमां पार्क आवास के बाहर कथित तौर पर पुलिस पर हमला करने और सरकारी संपत्ति और वाहनों को जलाने के आरोप में मामला दर्ज किया था।
मंगलवार की सुनवाई की शुरुआत में, न्यायाधीश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि खान ने अब तक मुचलका जमा नहीं किया है। खान के वकील बैरिस्टर सलमान सफदर ने जवाब दिया कि पूर्व प्रधानमंत्री को जान का खतरा है। न्यायाधीश ने तब पूछा कि क्या खान अदालत में पेश होंगे या नहीं और इस बात पर जोर दिया कि अदालत में पेश होने वाले व्यक्ति को ही राहत दी जा सकती है।
इसके बाद अदालत ने खान के वकील को अपने मुवक्किल को सुबह 11 बजे पेश करने का निर्देश दिया।
सुनवाई के दौरान, पीटीआई प्रमुख को कथित जान के खतरे की जांच कर रहे संयुक्त जांच दल (जेआईटी) के प्रमुख अदालत पहुंचे और कहा कि खान जांच में शामिल नहीं हुए हैं। अदालत ने इसके बाद खान के वकील को लिखित बयान प्रस्तुत करने का निर्देश दिया और जेआईटी के प्रमुख को अगली सुनवाई में पेश होने को कहा।
न्यायाधीश ने जेआईटी को जल्द से जल्द जांच पूरी करने का भी निर्देश दिया। पिछले साल तीन नवंबर को खान पर पंजाब के वजीराबाद में एक रैली के दौरान हमला हुआ था, जिसमें उनके पैर में गोली लगी थी।