इमरान खान पर अल-कादिर ट्रस्ट केस में भ्रष्टाचार करने का आरोप है..
इस्लामाबाद : पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज खान ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और उनकी पार्टी को ‘झूठा’ करार दिया और उन पर नकदी संकट से गुजर रहे देश को ‘विनाश’ की ओर धकेलने का आरोप लगाया।
इमरान खान जब भ्रष्टाचार के एक मामले में जमानत के लिए इस्लामाबाद उच्च न्यायालय के समक्ष पेश हो रहे थे, उसी समय अपने मंत्रिमंडल को संबोधित करते हुए शरीफ ने खान के शासनकाल में उनकी पार्टी पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के नेताओं के जेल भेजे जाने पर साधी गई चुप्पी को लेकर अदालतों पर सवाल उठाया।
उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या उन्होंने (अदालतों ने) संज्ञान लिया था जब हमें जेल भेजा जा रहा था?’’
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी प्रमुख खान के उस दावे को ‘झूठ’ करार दिया जिसके मुताबिक अमेरिका समर्थित साजिश के तहत उन्हें सत्ता से बेदखल किया गया था।
पीएमएल-एन अध्यक्ष शरीफ ने कहा कि पीटीआई अध्यक्ष खान और उनकी पार्टी ‘झूठी’ है और पाकिस्तान को ‘विनाश’ की ओर धकेल रही है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक से अधिक राष्ट्रीय सुरक्षा समितियों ने खान के आरोपों को झूठा करार दिया है।
शरीफ ने देश के खराब आर्थिक हालात की ओर भी इशारा किया। पाकिस्तानी मीडिया ने उनके हवाले से कहा, ‘‘स्थानीय मुद्रा अवमूल्यन की वजह से देश मुश्किल समय से गुजर रहा है और जो चुनौतियां हमें विरासत में मिली थीं वह खराब होते हालात से विकराल रूप ले रही हैं।’’.
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री की यह टिप्पणी मंगलवार को भ्रष्टाचार के मामले में इस्लामाबाद उच्च न्यायालय में पेश खान की गिरफ्तारी के बाद पूरे देश में हुए हिंसक प्रदर्शनों की पृष्ठभूमि में आई है।
शरीफ ने हिंसक प्रदर्शनों पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि दशकों पहले ढाका में हार के बाद से देश में ऐसे दृश्य देखने को नहीं मिले थे। उन्होंने याद किया कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद भी प्रदर्शन हुए थे लेकिन कोई ‘‘सैन्य प्रतिष्ठानों की ओर नहीं बढ़ा था। ’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि पीटीआई प्रदर्शनकारियों ने देश के शहीदों का जिस तरह से अपमान किया है वैसा ‘हमारे दुश्मनों’ ने भी नहीं किया था। उन्होंने कहा, ‘‘सैन्य प्रतिष्ठानों पर हुए हमले से बड़ा आतंकवाद देश में नहीं हो सकता है।’’
शरीफ ने दावा किया कि खान सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) से हुए समझौते का उल्लंघन किया और उनकी मौजूदा गठबंधन सरकार उसे ठीक करने की कोशिश कर रही है।