खान ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत रेस कोर्स पुलिस थाने में दर्ज तीन प्राथमिकियों में जमानत के लिए याचिकाएं दायर की थीं।
लाहौर: पाकिस्तान में एक आतंकवाद रोधी अदालत ने पिछले महीने तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को गिरफ्तार करने के अभियान के दौरान उनके समर्थकों और पुलिस के बीच हुई झड़प से जुड़े तीन मामलों में गुरुवार को खान की अंतरिम जमानत 4 मई तक बढ़ा दी।
लाहौर की आतंकवाद-रोधी अदालत (एटीसी) ने पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष खान को मामले में वीडियो कान्फ्रेंस के माध्यम से सुनवाई में पेश होने की एक बार की अनुमति दी। खान ने आतंकवाद रोधी कानूनों के तहत रेस कोर्स पुलिस थाने में दर्ज तीन प्राथमिकियों में जमानत के लिए याचिकाएं दायर की थीं।
सत्तर वर्षीय खान बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि उनकी जान को खतरा है, जिसके कारण वह अदालती सुनवाई में भाग लेने से परहेज कर रहे हैं। एटीसी न्यायाधीश एजाज अहमद भुट्टा ने खान के वकील सलमान सफदर से पूछा कि उन्होंने ऐसा क्या किया जिसके लिए उन्हें जान का खतरा है।
इस पर सफदर ने कहा कि जो लोग (पिछले नवंबर में) उनके मुवक्किल पर हमला करने में शामिल थे, वे इसका जवाब दे सकते हैं।. उन्होंने कहा, ‘‘अगर इमरान खान की हत्या की जाती है तो पाकिस्तान अराजकता की स्थिति में आ जाएगा जैसा कि पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो की हत्या के बाद हुआ था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘विश्वसनीय रिपोर्ट है कि खान को अदालतों के रास्ते में स्नाइपर द्वारा लक्षित किया जा सकता है और यह कानून प्रवर्तन एजेंसियों से सत्यापित किया जा सकता है।’’. पिछले साल नवंबर में खान पर हमला किया गया था जिसमें वह बाल बाल बच गए थे। अदालत के एक अधिकारी ने बताया कि दलीलें सुनने के बाद न्यायाधीश ने खान को वीडियो कान्फ्रेंस के जरिये अदालत में पेश होने की अनुमति दी और उनकी अग्रिम जमानत की अवधि चार मई तक बढ़ा दी।