लतीफ 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले का षडयंत्रकर्ता था।
लाहौर : पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के पुलिस प्रमुख ने शुक्रवार को कहा कि जैश-ए-मोहम्मद आतंकवादी समूह के प्रमुख मसूद अजहर के एक प्रमुख सहयोगी और उसके दो साथियों की हत्या के मामले में ज्यादातर संदिग्धों को गिरफ्तार कर लिया गया है। सियालकोट शहर की एक मस्जिद में कुछ दिन पहले तीनों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) आतंकवादी समूह के सदस्य शाहिद लतीफ और उसके सुरक्षा गार्ड हाशिम अली की तीन बंदूकधारियों ने उस दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी, जब वे बुधवार तड़के लाहौर से 100 किलोमीटर दूर पंजाब प्रांत के दस्का शहर में एक मस्जिद में नमाज अदा कर रहे थे। लतीफ 2016 में पठानकोट में भारतीय वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले का षडयंत्रकर्ता था। लतीफ के करीबी सहयोगी मौलाना अहद को भी गोलियां लगीं और उसे अस्पताल ले जाया गया जहां बृहस्पतिवार को उसकी मौत हो गई।
पंजाब के महानिरीक्षक पुलिस (आईजीपी) डॉ. उस्मान अनवर ने कहा, ‘‘इस मामले में शामिल तीनों बंदूकधारियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। अन्य गिरफ्तारियां सियालकोट, लाहौर, पाकपट्टन, कसूर और पंजाब के अन्य जिलों में की गई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘इस हमले की साजिश पाकिस्तान के बाहर रची गई थी। एक देश की खुफिया एजेंसी ने एक व्यक्ति को पाकिस्तान भेजा था। हमारे पास सभी रिकॉर्ड हैं कि वह व्यक्ति कौन है जो यहां आया था, वह किससे मिला और यहां तक कि उसकी भौगोलिक स्थिति के बारे में भी जानकारी है। वे छह अक्टूबर से नौ अक्टूबर के बीच यहां आए और 11 अक्टूबर को इस साजिश को अंजाम दिया।’’
सियालकोट जिला पुलिस अधिकारी (डीपीओ) मोहम्मद हसन इकबाल ने कहा कि यह एक ‘‘आतंकवादी घटना’’ थी। लतीफ को 1994 में भारत में आतंकवादी गतिविधियों के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, फिर उस पर मुकदमा चलाया गया और अंततः जेल भेज दिया गया। उसने 2010 में अपनी सजा पूरी कर ली जिसके बाद उसे पाकिस्तान भेज दिया गया। लतीफ (50) पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से था।
भारत ने अपनी धरती पर हुए कई हमलों के लिए जैश-ए-मोहम्मद को दोषी ठहराया है, जिसमें पठानकोट हमला भी शामिल है। भारत के पठानकोट में एक वायुसैनिक अड्डे पर हुए हमले में सात सैनिक शहीद हो गये थे।