सभी विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक 17 और 18 जुलाई को होगी, जैसा कि पहले ही घोषणा की जा चुकी है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी के शिवकुमार ने सोमवार को कहा कि उम्मीद है कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में विपक्षी दलों की अगली बैठक में भाग लेंगी। शिवकुमार ने कहा कि कांग्रेस पार्टी अपने नेता राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के विरोध में 12 जुलाई को यहां फ्रीडम पार्क में एक मौन विरोध प्रदर्शन करेगी।
शिवकुमार ने कहा, ‘‘(देश के) सभी विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक 17 और 18 जुलाई को होगी, जैसा कि पहले ही घोषणा की जा चुकी है। सभी नेता आने वाले हैं। (एम) मल्लिकार्जुन खरगे (कांग्रेस अध्यक्ष) ने सोनिया गांधी से इस बैठक में भाग लेने का अनुरोध किया है। हमें एक संदेश मिला है कि वह इस बैठक में भाग लेंगी।’’
उन्होंने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम उन सभी नेताओं का स्वागत करेंगे जो इस देश में बदलाव के इस महान आंदोलन में शामिल होना चाहते हैं।’’ वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए विपक्षी दलों की ऐसी पहली बैठक 23 जून को बिहार के पटना में हुई थी।
इससे पहले, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने कहा था कि विपक्ष की अगली बैठक 13-14 जुलाई को बेंगलुरु में होगी। चूंकि वे तारीखें कुछ राज्यों में विधानसभा सत्रों के साथ टकरा रही थीं, इसे 17 और 18 जुलाई को पुनर्निर्धारित किया गया था।
कर्नाटक कांग्रेस अध्यक्ष शिवकुमार ने कहा कि खरगे के नेतृत्व में पार्टी ने राहुल गांधी को लोकसभा से अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ 12 जुलाई को सभी राज्य मुख्यालयों पर मौन ‘विरोध प्रदर्शन’ करने का फैसला किया है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अदालत के फैसले के बारे में नहीं बोलना चाहता, लेकिन राहुल गांधी को राजनीतिक रूप से खत्म करने के लिए उनके खिलाफ जो राजनीतिक साजिश चल रही है, हम उसकी निंदा करते हैं।’’
शिवकुमार ने कहा, ‘‘मुंह को काले कपड़े से ढंककर’’ बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। शिवकुमार ने कहा, मुख्यमंत्री सिद्धरमैया सहित पार्टी के सभी पदाधिकारी, जन प्रतिनिधि और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता "केंद्र की भाजपा सरकार की साजिश" के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे।
‘मोदी उपनाम’ टिप्पणी को लेकर 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में दोषसिद्धि पर रोक लगाने के अनुरोध संबंधी कांग्रेस नेता राहुल गांधी की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय द्वारा खारिज किये जाने के बाद कांग्रेस ने कहा है कि वह उच्चतम न्यायालय का रुख करेगी और आरोप लगाया कि सरकार उनकी आवाज को दबाने के लिए नयी तकनीकें ढूंढ रही है।